शराबी शिक्षक का भय इतना की 75% से अधिक स्कूली बच्चे स्कूल ही नहीं आते।

मस्तूरी hct : क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोहरसी के सांबरिया डेरा के प्राथमिक शाला में 30 बच्चों की दर्ज संख्या है जहाँ 2 शिक्षक पदस्थ है। एक सोनू राम साहू प्रभारी प्रधान पाठक और दूसरा सुभाष चंद्र भारद्वाज शिक्षक हैं। बीते शुक्रवार को शिक्षक सुभाष चंद्र भारद्वाज शाला प्रांगण में स्थित मध्यान भोजन कक्ष में बेख़ौफ़ मदिरापान करते हुए सार्वजानिक तौर पर देखा गया और तो और वहीं खाना बना रही महिला से चखने के तौर पर दाल भी मांग रहा था। शनिवार को भी उसी प्रवृत्ति को फिर से दोहराया गया।
शराब के नशे में धुत शिक्षक स्कूल प्रांगण में ही सो गया, मौके पर ग्राम पंचायत लोहरसी के सरपंच रंजित कुमार भानु को बुलाया गया। सरपंच रंजीत कुमार ने खुद शराबी शिक्षक के मोटरसाइकिल के डिक्की को चेक किया तो उसमें भी कच्ची शराब की पोटली और चखने के लिए दो अमरुद पाया गया। बच्चों से पूछताछ में पता चला कि वह टीचर आदतन शराबी है और रोजाना स्कूल में शराब पीकर ही आता है। जिससे छोटे-छोटे बच्चे उस शराबी शिक्षक से भयभीत रहते हैं, जिसके कारण 30 बच्चों की दर्ज संख्या में केवल 10 – 12 ही बच्चे स्कूल आते हैं।
अधिकारी देते हैं गोलमोल जवाब
प्रभारी प्रधान पाठक ने बताया कि आए दिन यह शराब के नशे में धुत ऐसे ही कक्षा में अध्यापन के दौरान अथवा शाला प्रांगण में पड़ा ही रहता है। कई बार तो स्कूल के बच्चो को आज छुट्टी है कह कर घर भेज देते हैं और विद्यालय में ही शराब पीना शुरू कर देता है। प्रभारी प्रधान पाठक ने इसकी सूचना कई बार विकास खंड शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज को दिया है; पर जवाबदार अधिकारी की उदासीनता रवैया के चलते स्कूल में ऐसी स्थिति निर्मित हो गई है कि अब यह बच्चे पढ़ने के नाम पर स्कूल आने को तैयार ही नहीं है।
“सांबरिया डेरा” जहां लगता है; आबकारी और पुलिस का फेरा ?
स्कूल से महज 50 मीटर की दूरी पर स्थित है सांबरिया डेरा जहां पर भारी मात्रा में कच्ची महुआ शराब की बिक्री की जाती है जिसकी जानकारी बकायदा आबकारी विभाग और नजदीकी पुलिस थाना पचपेड़ी को भी है। पुलिस और आबकारी विभाग से सांठगांठ से ही यहां के सांबरिया लोग बड़े पैमाने में अवैध कच्ची महुआ शराब की बिक्री करते हैं और पूरे पचपेड़ी क्षेत्र में इसकी सप्लाई भी करते हैं। ऐसे क्षेत्र के निकट में स्कूल संचालित होना छोटे-छोटे बच्चों पर क्या असर होगा यह विचारणीय है।
इस मामले में विकास खंड शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज का कहना है कि वीडियो के माध्यम से हमें भी जानकारी मिली है। विभागीय जांच कर शिक्षक को बर्खास्त करने की बात कही गई है।
