छत्तीसगढ़ प्रदेश को अस्तित्व में आए 22 बरस बीत चुका है। इस खुशी को जाहिर करने शासकीय आयोजन के तौर पर समूचे प्रदेश में राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है और सरकार के नुमाइंदे अपनी व्यवस्था अनुसार प्रत्येक जिलों में जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित कर रहे है, इस कार्यक्रम में कोई कोई मगन है तो कोई गमजदा।
15 बछर से सत्ता से बिछोह का गम क्या होता है ये प्रदेश कांग्रेस से बेहतर भला और कौन जान समझ सकता है ? बात जब कांग्रेस पार्टी की हो रही है तो पार्टी के भीतर की गुटबाजी और मनमुटाव से प्रदेश तो क्या देश में अपनी पहचान कायम करने में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस का कोई सानी नहीं। पार्टी के कद्दावर नेताओ के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए चल रही रस्साकशी तो जगजाहिर है, ऐसे में यदि संसदीय सचिव और विधायक से कोई टन्नस खाकर नाराज हो जाए या फिर कोई ज्वालामुखी की तरह भड़क जाए तो उसे भी मीडिया में तव्वजो देना लाजमी है।
कहीं नपा अध्यक्ष नापने बैठ गई तो कहीं बाबा समर्थक भड़क उठे
रायपुर hct : राज्योत्सव के आयोजन के दौरान प्रदेश के 2 विभिन्न जिलों में बवाल हो गया। एक ओर जहाँ मनेंद्रगढ़ में नगर पालिका अध्यक्ष नाराज होकर जमीन पर ही बैठ गईं तो वहीं अंबिकापुर में कांग्रेस नेता ने मंच में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गए। दोनों जगह काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा। अंबिकापुर में तो तहसीलदार को हाथ तक जोडऩा पड़ गया। 01 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश के हर जिलों में राज्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसी क्रम में मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक विनय जायसवाल शामिल हुए। इसके अलावा मनेंद्रगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल भी उक्त आयोजन में आमंत्रित थी।
विधायक को नापने धरा पर बैठी नपा अध्यक्ष
बताया जा रहा है कि प्रभा पटेल अपने सभी कांग्रेस पार्षदों के साथ आयोजन स्थल पर पहुंची थी, लेकिन कुछ समय बाद वह जमीन पर ही बैठ गईं। उनके साथ कांग्रेस के सभी पार्षद भी बैठ गए। प्रभा ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि उन्हें मंच में जगह नहीं दी गई है। ना ही जो बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। उसमें भी उनकी और ना ही किसी भी कांग्रेस पार्षद की फोटो लगाई गई है। वो इस बात को लेकर भी नाराज थीं कि पूरे शहर में जो पोस्टर लगाए गए। उनमें भी उनकी फोटो चस्पा नहीं किया गया है। यह देख कर प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और काफी समझाने का प्रयास किया इसके बावजूद प्रभा नहीं मानी फिर जब कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल ने उन्हें काफी समझाया तब जाकर वह शांत हुई और कार्यक्रम में शामिल हुई इस बीच काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा है।
संसदीय सचिव से ख़फ़ा बाबा समर्थक
वहीं दूसरी ओर अंबिकापुर में भी ऐसा ही कुछ हुआ यहां पर कला केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े भी थे, जहाँ प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव और प्रदेश महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा भी शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन इन दोनों नेताओं को मंच में जगह ही नहीं दी गई यह देखकर दोनों भड़क गए और नाराज होने लगी इसके बाद दोनों ने संसदीय सचिव के सामने ही नाराजगी जताई और कहा कि हमारी सरकार है इसके बावजूद हमारे साथ हमेशा ऐसे ही किया जाता है हमारी उपेक्षा की गई है जो ठीक नहीं है इस बीच तहसीलदार भूषण मंडावी हाथ जोड़कर दोनों को मनाने में लगे रहे तब जाकर कुछ समय बाद दोनों शांत हुए वहीं इस पूरे मामले को लेकर कार्यकर्ताओं में जमकर नाराजगी देखने को मिली है इधर जब संसदीय सचिव से इस संबंध पूछताछ की गई तब उन्होंने कहा कि बात कर ली गई है।
