सरकार के छाती में मुंग दल रहा ‘छत्‍तीसगढ़ कांट्रेक्‍टर्स एसोसिएशन’

रायपुर hct : कभी जीएसटी को लेकर, कभी निर्माण सामग्रियों के बढ़े दाम को लेकर तो कभी रायल्टी की दरों में कटौती को लेकर और कभी टेंडर का बहिष्कार करते हुए शासकीय निर्माण कार्यों को ठप्प करने वाले सरकार के ही कृपादृष्टि में जीविकोपार्जन करने वाले “छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन” ने हर बार सरकार को ही घुटना टेकने पर मजबूर करने के बाद भी अपनी ना काबिल-ए-बरदास्त से बाज नहीं आ रहा है।

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कुम्भकर्ण की निंद्रा में है सरकार, गांधारी बन गए अधिकारी

प्रदेश में करीब 10 हजार ठेकेदार सरकारी निर्माण कार्यों में रत हैं ठेके पर शासकीय भवनों को बनाने वाली संघ के पास खुद के कार्यालय भी नहीं ! सरकार के रहमों करम पर सांठगांठ और कमीशन के बुते करोड़ों के काम को अंजाम देने वाला छत्‍तीसगढ़ कांट्रेक्‍टर्स एसोसिएशन राजधानी के आकाशवाणी चौक के पास स्थित सिरपुर भवन में संचालित लोक निर्माण विभाग के शासकीय कार्यालय परिसर के एक कक्ष में अवैध कब्ज़ा कर सरकार को अब तक लाखों का चूना लगा चुका है, और सरकार के नुमाइंदे जहाँ आँखों में पट्टी बांधकर गांधारी की भूमिका निभा रहे हैं वहीँ सरकार खुद कुम्भकर्ण की निंद्रा में लीन हैं।

ठेकेदारों के अय्याशी का अड्डा कुछ तो है फड्डा

दरअसल मामला यह है कि, सिरपुर भवन जहाँ लोक निर्माण विभाग (PWD) का शासकीय कार्यालय स्थित है जहाँ मुख्य अभियंता के कार्यालय के ठीक नीचे दो बड़े हॉल में जहाँ लेट-बाथ एवं वेल फर्निस्ड तथा वातानुकूलित सर्व सुविधायुक्त कक्ष में छत्‍तीसगढ़ कांट्रेक्‍टर्स एसोसिएशन ने सालों से अवैध कब्ज़ा कर अब तलक विभाग की जमाई बना बैठा है। शंका तो यह है कि या तो इस संघ के अध्यक्ष बीरेश शुक्ला या कोई अन्य ठेकेदार, मुख्य अभियंता का या फिर प्रमुख अभियंता का दामाद है या फिर इसे मंत्री का मिला है वरदहस्त …?

पालित पोषित ठेकेदार संघ

ऐसा नहीं है कि लोक निर्माण विभाग के इस कार्यालय को अन्य कार्यालय की भांति नया रायपुर में स्थानांतरित किया गया हो और उक्त परिसर के रिक्त कमरों को अतिरिक्त आय अर्जित करने के उद्देश्य से किराया दिया गया हो। लेकिन सालों से जमे इस संघ के ठेकेदारों से ना ही सरकार ने कोई इकरारनामे की है और ना ही कोई नियम ना कोई शर्त। यह जाँच का विषय है कि आखिर किसकी सरपरस्ती में छत्‍तीसगढ़ कांट्रेक्‍टर्स एसोसिएशन ने यह हिमाकत किया है। या फिर कोई गुप्त समझौते के तहत मुख्य अभियंता और प्रमुख अभियंता सांठगांठ कर इस अवैध कार्यालय का किरायाखोरी कर ठेकेदारों को पाल पोस रहे हैं।

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