तारसगांव (चारामा) में भालू का हमला, दर्दनाक परिस्थिति में बच्चा रायपुर रिफर।

उत्तर बस्तर : कांकेर जिला के चारामा वन परिक्षेत्र अंतर्गत तारसगांव में बुधवार दिनांक 28 सितंबर की सुबह वन्य प्राणी भालू ने चौथी क्लास में पढ़ने वाले एक नाबालिग (9 साल) बच्चा रौनक पोयाम जो घर खुले हिस्से में खेल रहा था, वहीँ झाड़ी में छुपे एक भालू हमला कर उसके चेहरे का बड़ा हिस्सा और आंख नोच बुरी कदर से घायल कर दिया। भालू के इस हमले में घायल बच्चे की आंख पूरी तरह बाहर निकल गया है।

घटना की जानकारी मिलते ही गांव के सरपंच और ग्रामीणों की मदद से बच्चे को तत्काल अस्पताल पहुँचाया गया, बच्चे की स्थिति गंभीर है। सूचना पर वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी। वन परिक्षेत्र अधिकारी चारामा ने मीडिया को जानकारी उपलब्ध कराया है कि तारसगांव निवासी सालिक राम पोया का 9 वर्षीय बच्चा रोनक पोया सुबह घर के बाड़ी में खेल रहा था; उसी दौरान झाड़ी में छिपे भालु ने अचानक बच्चे के पर हमला कर दिया। जिसके बच्चे के चेहरे में गंभीर चोट आई। हमले में बच्चे की आंख को भी नुकसान पहुंचा है। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने बच्चे को रायपुर एम्स रिफर किया है।

वहीं एक अन्य घटना में गढ़िया पहाड़ के पास 2 बाइक सवारों पर भी भालुओं के हमला करने की जानकारी मिली है।

उक्त घटना में एक बाइक सवार के सिर में काफी चोट आई है, जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

वन विभाग की लापरवाही, दहशत में नागरिक

पहाड़ियों से घिरे कांकेर शहर में भालुओं की दहशत से लोगों का जीना मुहाल है। अँधेरा घिरते ही शहर के रिहायशी इलाकों में शामिल टिकरापारा, ठेलकाबोड, आदर्श नगर, राजापारा, रामनगर और संजय नगर में भालू में घुस आते हैं. जिससे लोगों को हर पल जान का खतरा बना रहता है, जानकारी के बावजूद वन विभाग के द्वारा कोई ठोस कदम आज तक नहीं उठाया गया।

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