कोठे में तब्दील होते शैक्षणिक संस्थान शिक्षक होते जा रहे हैवान।

रायपुर के एक शासकीय प्राथमिक शाला में एक शिक्षक प्रमुख हेडमास्टर की काली करतूत ने शिक्षा जगत को शर्मशार कर दिया है। स्कूलों और छात्रावासों में पढ़ने वाली बच्चियों से यौनाचार की यह कोई पहली घटना नहीं है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में अक्टूबर 2013 में उजागर झलियामारी कांड से इस घटना का पटाक्षेप होना शुरू हुआ है जहाँ 15 नाबालिग़ आदिवासी लड़कियों से बलात्कार के बहुचर्चित मामला सामने आया था। बलात्कार की पीड़ा झेल रही एक बच्ची के अभिभावक ने कलेक्टर को पत्र लिख कर इस मामले की शिकायत की थी. इसके बाद जब जांच हुई तब पता चला कि इस सरकारी कन्या आश्रम के चौकीदार दीनानाथ नागेश और शिक्षाकर्मी मन्नूराम गोटा पिछले कई सालों से लड़कियों के साथ बलात्कार कर रहे थे।
प्रदेश के बालोद जिला तो इस दिशा में इतिहास रचते जा रहा है, आमाडुला आश्रम की हकीकत शायद यहाँ के वाशिंदे भूल चुके होंगे जहाँ की सात लड़कियों ने हलफनामे लिखे और मुख्यमंत्री (डॉ. रमन सिंह) तक को भेजे, लेकिन 6 महीने तक कुछ नहीं हुआ। हां, बलात्कार पीड़ित लड़कियों ने जनवरी में आमाडुला आश्रम की वॉर्डन को खुद मुख्यमंत्री से सम्मान लेते हुए जरूर देखा। वहीं एक शिक्षक तो वर्तमान में जेल में हैं और एक अन्य आरोपी शिक्षक खुद को पाक साफ बताकर दो तथाकथित पत्रकारों को भयादोहन के आरोप में जेल भिजवा चुका है, चूँकि यहाँ उन पत्रकारों की भी गलती है…

रोटरी कॉस्मो शासकीय प्राथमिक शाला, रायपुर कांड

३६ गढ़ की राजधानी रायपुर के डूमरतालाब स्थित रोटरी कॉस्मो शासकीय प्राथमिक शाला में छोटी बच्चियों के साथ प्रधान पाठक द्वारा (अश्लील हरकत) छेड़खानी किए जाने का मामला सोशल मीडिया में छाया हुआ है। जानकारी के अनुसार प्रधान पाठक ने 3 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की है। बच्चियों ने अपने माता पिता को घटना की जानकारी दी। उसके बाद गुस्से से तमतमाए अभिभावकों के हुजूम ने स्कूल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। प्रधान पाठक तो था नहीं, उसकी जगह भड़के पालकों ने एक अन्य शिक्षक की पिटाई करने के बाद आमानाका थाने का घेराव कर दिया।

थाने में रिपोर्ट दर्ज 

आमानाका थाना पुलिस ने आरोपी हेडमास्टर दिलीप कुमार भगत के खिलाफ छेड़खानी और पाक्सो एक्ट की धाराओं के तहत् अपराध पंजीबद्ध किया है। पुलिस ने बताया कि हेडमास्टर अपनी कार में कक्षा पांचवी में अध्ययनरत बच्चियों को छोड़ने के बहाने घुमाने लेकर जाता था और अलग-अलग बच्चियों के साथ अलग-अलग दिन छेड़खानी की घटना को अंजाम देता था। बीते 15 दिनों से प्रिंसिपल दिलीप कुमार भगत इसी तरह बच्चियों के साथ छेड़खानी करता आ रहा था और बच्चियों को डरा कर भी रखा था। बच्चियों ने इसकी जानकारी माता पिता को दी तो मामला थाने पहुंचा। अभिभावकों ने थाने का घेराव करके तत्काल हेडमास्टर को नौकरी से बाहर करने की मांग की।

मान मनौव्वल के बाद आरोपी हेडमास्टर निलंबित

आरोपी प्रधान पाठक निलंबित इसी माह रिटायरमेंट जिला शिक्षा अधिकारी आर. एल. ठाकुर ने बताया कि मामला सामने आने के बाद हेडमास्टर दिलीप कुमार भगत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार आरोपी हेडमास्टर मुंबई किसी परिजन का इलाज कराने गया है। इसी महीने उसकी सेवानिवृत्ति होने वाली है।

गिरफ्तारी के लिए जल्द जाएगी टीम : आमानाका थाना प्रभारी एसआर सोनी ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत के बाद हेडमास्टर के खिलाफ छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। आरोपी अभी बाहर है, जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

स्कूल जाने से मना किया तो हुआ खुलासा

छेड़छाड़ की घटना के बाद दो दिन तक पीड़ित छात्रा चुपचाप थी और किसी से इस घटना की जानकारी नहीं दी। शनिवार को स्कूल जाने से भी मना कर दिया। माता – पिता ने पीड़ित छात्रा से उसके चुपचाप रहने और स्कूल न जाने का कारण पूछा तो उसने अपनी मां से आरोपी हेडमास्टर की हरकत के बारे में जानकारी दी। छात्रा ने बताया कि हेडमास्टर रोज घर छोड़ने के बहाने कार में बैठाकर ले जाता है और छेड़छाड़ करता है। ऐसा एक के साथ नहीं कुछ और छात्राओं के साथ भी करता है।

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