आईपीएस मुकेश गुप्ता का निलंबन रद्द। अब; खाकी या खादी…?

रायपुर hct : 16 सितंबर का दिन छत्तीसगढ़ प्रदेश के बहुचर्चित नान घोटाला फर्जीवाड़ा, फोन टैपिंग और मिकी मेहता हत्याकांड मामले के आरोपी आईपीएस मुकेश गुप्ता के लिए राहत देने वाला दिन साबित हुआ। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव संजीव कुमार ने निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत देने वाला आदेश जारी किया। बता दें कि आईपीएस मुकेश गुप्ता का निलंबन केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है।

खाकी या खादी ?

मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने ऑर्डर भी जारी कर दिया है, खास बात यह कि वे इस महीने के 30 तारीख को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। रिटायरमेंट से 14 दिन पहले निलंबन समाप्ति के आदेश से पुलिस महकमे की बेचैनी बढ़ा दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि गुप्ता अब पीएचक्यू में जाएंगे या फिर राजनीति का रास्ता अख्तियार करेंगे ? इसे लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर भी शुरू हो गया है।

नेताओं और अफसरों के फोन टैपिंग का लगा था आरोप

आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले में जांच के दौरान फर्जी दस्तावेज के साथ ही नेताओं और अफसरों के फोन टेप करने का आरोप लगा था। मुकेश गुप्ता मार्च 2019 से निलंबित चल रहे थे, उसके बाद उन पर एक के बाद एक करके तीन एफआईआर हुई। कांग्रेस सरकार ने आईपीएस मुकेश गुप्ता के साथ ही एसपी रजनेश सिंह को भी निलंबित कर दिया था। राज्य सरकार की तरफ से उनकी निलंबन अवधि नियत समय के बाद बढ़ाई भी गई थी, इसके बाद दर्ज आरोपों को लेकर मुकेश गुप्ता सुप्रीम कोर्ट और कैट भी गई थे।

सुनवाई रोकने की मांग

नान घोटाले के तत्कालीन महाप्रबंधक शिवशंकर भट्‌ट और दूसरे आरोपियों के खिलाफ रायपुर की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है। 15 सितम्बर को ED की ओर से पेश अधिवक्ता सौरभ कुमार पाण्डेय ने एक आवेदन पेश किया। इसमें कहा गया कि इसी मामले में सर्वोच्च न्यायालय में भी एक मामला चल रहा है। 19 सितम्बर को सुनवाई की तारीख तय है। जब तक सर्वोच्च न्यायालय ED की याचिका पर कोई फैसला नहीं दे देता रायपुर की अदालत में सुनवाई को रोक दिया जाए। रायपुर की विशेष अदालत में अब इस मामले की सुनवाई 24 सितम्बर को होनी है। उसी में स्पष्ट होगा कि अदालत ने इस आवेदन पर क्या फैसला किया है।

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