रायपुर hct : आम जनता को जहाँ आवास के लिए जमीन नहीं मिल पाती, लाखों लोग किराए के मकान में अपना सारा जीवन गुजार देते हैं। वहीं भू – माफिया रसूखदारों के लिए शासकीय भूमि वरदान साबित हो रही है। राजधानी के हृदय स्थल सिविल लाइन में 150300 वर्गफीट भूमि पर कब्जा, वह भी नजूल पर, भूमि हकदार साधारण व्यक्ति तो हो नहीं सकता। आप है, छत्तीसगढ़ के जाने – माने आईएएस अधिकारी व शासन के कृपापात्रों में से एक जो सेवानिवृत्ति के पश्चात भी शासकीय निकाय “रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण” (RERA) के महत्वपूर्ण पद पर शोभायमान हैं।
रेरा अध्यक्ष, वैसे भी कोई छोटा पद नहीं है जिसके सामने छत्तीसगढ़ के बड़े से बड़े भू–माफिया, बिल्डर्स नतमस्तक हैं। हो भी क्यों ना ? जाने कब किस प्लाटिंग पर किसी बड़े मल्टीकाम्लेक्स पर या बड़ी – बड़ी बन रही आवासीय या व्यावसायिक निर्माण स्थलों पर शनि की दृष्टि हो जाये और व्यवसाय ऐसे थम जाए मानों सृष्टि का संचालन रुक सा गया हो…! ऐसे में बड़े से बड़े भू – माफियाओं पर साहब की कृपादृष्टि आवश्यक है। अब सोंचिए वह व्यक्ति कोई साधारण व्यक्ति तो हो नहीं सकता।
विवेक कुमार द्वारा नवम्बर 2020 को सिविल लाइन स्थित नजूल भूमि को फ्री होल्ड किए जाने बावत कुल 5 प्रकरण, नजूल अधिकारी रायपुर के समक्ष प्रस्तुत किए गए। विवेक कुमार ढांड व उनकी बहनों के पर दर्ज नजूल जमीनों को फ्री होल्ड करने आवेदन किया गया, जिस हेतु इश्तिहार जारी किया।
उक्त इश्तिहार पर आपत्तिकर्ता ओम प्रकाश वर्मा, नारायण लाल शर्मा, दिनेश सोनी व भूपेन्द्र सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई। आपत्तिकर्ताओं ने कुल जमीन 150300 वर्गफीट जोकि पांच हिस्सों में विवेक कुमार ढांड एंड परिवार के नाम रही है।
आपत्तिकर्ताओं ने इतनी बड़ी शासकीय नजूल जमीन एक ही परिवार को कैसे आवंटित की गई ? इस पर प्रश्न उठाया है। राजस्व न्यायालय में विवेक कुमार ढांड के पिता सतपाल ढांड व उनके परिवार से सम्बंधित आवेदकों ने नजूल भूमि के नामांतरण बंटवारा पट्टा नवीनीकरण एचयूएफ घोषित नजूल भूमि का व्यवसायीकरण उपयोग, भूमि हस्तांतरण करने के पश्चात फ्री होल्ड के 5 प्रकरण प्रस्तुत किए गए।
आपत्तिकर्ता ओम प्रकाश नारायण शर्मा ने उक्त सभी प्रकरणों में अनियमितता व विधि विपरीत आदेश पारित करने को लेकर राजस्व मंडल के समक्ष 23 प्रकरण प्रस्तुत किए हैं, साथ ही 150300 वर्गफुट जमीन को फ्री होल्ड किए जाने पर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की शिकायत प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई, ईडी सहित मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से की है। शिकायत कर्ताओं के अनुसार उक्त शासकीय नजूल जमीन को फ्री होल्ड किए जाने पर शासन को करोड़ों रुपए की क्षति होना बताया है। आपत्तिकर्ता – शिकायतकर्ताओं के अनुसार अपनी शिकायत में आर्थिक नुकसानी का आंकलन करते हुए फ्री होल्ड घोटाला अरबों में बताया है, जिसकी जांच होनी है।
इसके पूर्व भी विवेक कुमार ढांड छत्तीसगढ़ शासन के अन्य आईएएस अधिकारियों द्वारा एक फर्जी एनजीओ गठित कर समाज कल्याण विभाग में लगभग 1000 करोड़ का घोटाला करने का मामला उजागर हुआ है उक्त मामला वर्तमान में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में है। इसके बाद शासकीय जमीन का फ्री होल्ड पोटाला और ना जाने क्या क्या ?
पढ़ते रहिए हाईवे क्राइम टाइम के आगामी अंकों में…