रायपुर hct। वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी/वाहन चालक/कम्प्युटर आपरेटर/तेन्दुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक 20 अगस्त से अनिश्चितकालिन हड़ताल में नियमितीकरण के मांग को लेकर बैठे हुये है। पूरे छत्तीसगढ़ के कोने–कोने से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पहुंचे हुये है, जिसके कारण पूरे विभाग के कार्यवाही प्रभावित हो रहा है, जंगल सफारी बंद होने से वन्यप्राणीयों के सुरक्षा में ब्यवधान हो रहा है। समस्त अधिकारियों के बंगला से कार्यालय से एक एक करके दैनिक वेतन भोगी निकलकर आ रहे है, जिनसे विभाग के कार्य चरमराई हुई है।
वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पूरी ताकत झोंक दिये है, और सुंदर गीत के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को संदेश भेजना चाह रहे है कि हमें जल्द नियमितीकरण करें, महिलाये बढ़–चढ़कर भाग लिये है और सभी महिला कह रहे है कि तीजा के पर्व में हमें नियमितीकरण का जरूर तोफा देंगें। इसी आस से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी डंटे हुये है।
भाजपा के नेता लोग एक–एक करके जाकर समर्थन दे रहा है और हमारे सरकार बनने पर नियमितीकरण करने का वादा कर रहे है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव जी, भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव, अमित साहु, अनुराग सिंह देव प्रवक्ता भाजपा, अखिलेश सोनी प्रदेशाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग, कमलभंज पूर्व सांसद, गौरीशंकर श्रीवास भाजपा प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक डां. विमल चोपड़ा, राजनांदगांव जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति गीता साहु ने आकर समर्थन दिया है और कहा कि सरकार जल्द नियमितीकरण करें।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा आपके साथ है आपके मांगों का पुर जोर समर्थन करते है, सरकार नियमितीकरण नही करता है तो भाजपा आने वाला समय में नियमितीकरण करेगा, और रेंजर एसोंशियन के प्रान्ताध्यक्ष श्री वी. एन. दुबे, संभागाध्यक्ष रायपुर जयकांत गंडेचा, रेंजर सुयश दिवान समर्थन देने पहुंचे और वनमंत्री और मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का सांख्येत्तर पद सृजित कर नियमितीकरण करें! और यह भी कहा कि हमारे पार्टी के शीर्ष नेताओं के कहने पर समर्थन में पहुंचे है।
वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने कल मुख्यमंत्री जी का जन्मदिन मनाकर धरनास्थल में केक काटकर पूरे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने एक दूसरे का मुह मिठा किया, अब आगे मुख्यमंत्री जी को ही निर्णय लेना है। सभी अधिकारी कर्मचारियों को तो संतुष्ट किया है केवल दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को छोड़कर, अब मुख्यमंत्री जी को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के बारे निर्णय लेना चाहिये।
