122 कट्टा पुराना धान खपाने और उपार्जन केंद्र के 731 कट्टा धान के अवैध भंडारण का मामला।
गरियाबंद hct। खरीफ वर्ष 2021 माह दिसंबर के अंतिम सप्ताह में जिले के धान उपार्जन केंद्र बिन्द्रानवागढ़ खम्हारीपारा में 122 कट्टा पुराना धान खपाने का मामला सामने आया था।मौके पर पहुंची जांच टीम को उपार्जन केंद्र के आस पास के घरों में 731कट्टा पुराना धान भी मिला था, बताया गया कि ये धान इसी उपार्जन केंद्र का था, इसकी बोरियों पर इसी उपार्जन केंद्र का स्टेनशील लगा था।
ग्रामीणों के अनुसार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित धवलपुर पंजीयन क्रमांक 1660 के सेल्समेन चुन्नूराम यादव द्वारा इस उपार्जन केंद्र में पिछले सीजन खरीदी प्रभारी रहने के दौरान सुखत शार्टेज के नाम खेला करते हुये 731 कट्टा से अधिक धान उपार्जन केंद्र के आस -पास के घरों में रखवा दिया गया था। 27 दिसम्बर 2021 को चुन्नूलाल द्वारा 122 कट्टा धान इसी उपार्जन केंद्र में बेचने की कोशिश की जा रही थी, किन्तु धान पुराना होने की वजह से ग्रामीणों की आपत्ति और खरीदी प्रभारी तरुण कश्यप की सजगता से टोकन निरस्त किया गया।
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मौके पर पहुंचे जांच दल द्वारा ग्रामीणों की उपस्थिति में 122 कट्टा धान का पंचनामा बनाया गया, इसके अतिरिक्त आस पास के घरों में रखे गये धान का भी पंचनामा बनाकर घर मालिकों के ही सुपुर्दनामे किया गया। तत्समय और उसके बाद भी हमारे वेबपोर्टल “हाइवे क्राइम टाइम” पर इस खबर का प्रसारण लगातार किया जा रहा है।
मीडिया की सुर्खियों में आने, तथापि ग्रामीणों की लिखित शिकायत के बाद मामला जांच की दहलीज तक पहुंचा। जानकारी के अनुसार कलेक्टर के आदेश पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर की शाखा गरियाबंद प्रबंधक द्वारा जांच की गई।

आठ महीना चली इस जांच कार्यवाही पर शिकायतकर्ता ग्रामीण नंदकिशोर ध्रुव इसे जांच के नाम पर लीपापोती बताते हैं। नंदकिशोर के अनुसार उपार्जन केंद्र के आस पास संतराम यादव , मंगल यादव, तथा सुमित्रा पति विष्णु यादव के घरों में धान का अवैध भंडारण किया गया था, अब इन ग्रामीणों के बयान को लालच दबाव आदि के बल पर बदलवाया गया है।
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तत्समय जांच दल के समक्ष दिये गये बयान और उसके बाद नोटराइज्ड बयान विरोधाभाषी है। नंदकिशोर कहते हैं कि उक्त ग्रामीण ही अब सुपुर्दनामे किया गया धान निकालकर खुले आम बेच रहे हैं। बैंक प्रबंधक की जांच रिपोर्ट में 122 कट्टा बिक्री हेतु लाये गये धान को खराब, बारिश में भीगा हुआ बताने की कोशिश की जा रही है, किन्तु धान ना तो भीगा हुआ था और ना ही खराब था, बल्कि पुराना था। यदि धान भीगा होता तो पटवारी द्वारा आरबीसी 6 – 4 का प्रकरण बनाया गया होता।
बैंक प्रबंधक शाखा गरियाबंद द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी , जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020 – 21 में बारिश से धान खराब होने की जानकारी निरंक प्रेषित की गई है। तो फिर यहां बारिश में भीगा धान कहाँ से आया ?
मेरे खेत का धान है
सेल्समेन चुन्नुराम यादव जिन्हें मामला सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था , अब जाकर अपने बयान में कहते हैं कि उनकी स्वयं की 5 एकड़ भूमि के अतिरिक्त 8 एकड़ रेगहा / अधिया लेकर उन्होंने धान बोया था। किंतु ये रेगहा खेत किस से लिये गये थे और खसरा नंबर क्या था ? इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
स्टेनशील लगे बारदाने के सम्बंध में चुन्नुराम कहते हैं कि उन्होंने अपना धान भरने के लिए उपार्जन केंद्र से ये बारदाने बिना किसी को सूचित किये ले लिये थे। सहकारी बैंक की जांच कमेटी उन्हें इस मामले में दोषी बताती है , किन्तु सवाल उठता है कि 200 से अधिक बारदाने गायब रहने पर भी बारदाना प्रभारी कई महीनों तक चुप क्यों बैठा रहा। मामला यदि नही खुलता तो ये बारदाने बिना हाजमें की गोली खाये हजम हो जाते।
17 प्रतिशत सुखत शार्टेज, बड़ा खेल
प्रभारी प्रबंधक आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित धवलपुर का कथन है कि खरीफ वर्ष 2020- 21 में धान उपार्जन केंद्र बिन्द्रानवागढ़ में 25142.80 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी , 23706.24 क्विंटल धान का परिदान संग्रहण केंद्र / राइसमिलर्स / क्रेता को किया गया , 1436.54 क्विंटल की सुखत / कमी पायी गई। यदि प्रतिशत के हिसाब से देखें तो ये कमी लगभग 17 प्रतिशत से अधिक होती है ? देखिये कितनी रोचकता है इन आंकड़ों में, कितना गंभीर मामला है।
धान खरीदी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि थोड़ी बहुत सावधानी के साथ वर्ष भर भी धान रखा जाये तो सुखत / कमी 3 प्रतिशत से अधिक किसी हाल में नही होगी। आपको बता दें कि 3 प्रतिशत से अधिक सुखत के पक्ष में शासन भी नहीं है।
इन्ही तथ्यों के आधार पर शिकायतकर्ता नंदकिशोर का साफ कहना है कि उपार्जन धान केंद्र के आस पास घरों में रखा गया धान उपार्जन केंद्र का ही है , और इस खेल में सहकारी समिति के कई पदाधिकारी भी सम्मिलित है। नंदकिशोर इस मामले में एफआईआर की मांग करते आ रहे हैं।
