तटबंध के क्षतिग्रस्त स्थानों में मरम्मत कार्य हेतु बनाई जा रही है कार्ययोजना
गरियाबंद । जिले के फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम कोपरा के नदी तट से निचले स्थल वाले चार क्षतिग्रस्त स्थानों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मरम्मत कार्य हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिसकी अनुमानित लागत लगभग 30 लाख रूपये आंकलित है। विगत दिवस समाचार पत्रों में प्रकाशित तटबंध क्षतिग्रस्त होने से फसल तबाह होने की खबर को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन द्वारा कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग गरियाबंद को वैकल्पिक व्यवस्था हेतु आवश्यक पहल करने के निर्देश दिये गए थे। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता द्वारा अपने प्रतिवेदन में अवगत कराया गया है कि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों व ग्राम कोपरा के गणमान्य जनप्रतिनीधियों के साथ पैरी नदी के दांयी तटबंध के ग्राम कोपरा में बाढ़ प्रभावित स्थल का निरीक्षण किया गया। गरियाबंद एवं धमतरी जिले के वनांचल क्षेत्र में अत्याधिक वर्षा होने के कारण 13 जुलाई 2022 को पैरी नदी में अधिक पानी आने के कारण नदी के दांयी तट् पर ग्राम कोपरा के समीप निर्मित अस्थाई बण्ड बहुत कम उँचाई के होने के कारण 04 जगहों से क्षतिगस्त हो गया जिससे बाढ़ का पानी ग्राम कोपरा में अन्दर होते हुए ग्राम कोपरा, तर्रा तथा कुरुसकेरा का फसल प्रभावित करते हुए ग्राम कुरुसकेरा के नाला व पैरी नदी में पुनः समाहित हो गया है। 24घंटे के उपरांत जल स्तर शुन्य हो गया, जिससे कोई धन-जन की हानि नही हुई। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ग्राम कोपरा व नदी तट के निचले स्थल वाले चार क्षतिग्रस्त स्थानों में तत्काल मरम्मत कार्य हेतु विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है। जिसकी अनुमानित लागत लगभग 30 लाख रूपये आंकलित है। विभाग द्वारा पूर्व में तटबंध निर्माण कार्य को वित्तीय वर्ष 2020-21 के नवीन मद में शामिल कराया गया था तथा राशि 3639.48 लाख रूपये का प्राक्कलन शासन को प्रेषित किया गया था, परन्तु प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण तटबंध का कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका। कार्यपालन यंत्री ने बताया है कि समस्या का स्थायी समाथान हेतु ग्राम कोपरा से कुरूसकेरा तक स्थायी तटबंध का निर्माण हेतु नवीन मद वर्ष 2023-24 में शामिल करने हेतु प्रस्ताव उच्च कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रस्तावित है।