गरियाबंद। विगत खरीफ सीजन की धान खरीदी के दरमियान धान उपार्जन केंद्र खम्हारीपारा बिन्द्रानवागढ़ में 122 कट्टा पुराना धान बिक्री के लिये लाये जाने की शिकायत हुई थी। मौके पर उपस्थित ग्राम वासियों की आपत्ति व खरीदी प्रभारी तरुण कश्यप की सजगता से मामला सामने आया। शिकायत पर मौका मुआयना जांच हेतु पहुंचे जिला मुख्यालय के अधिकारियों ने 122 कट्टा धान का जप्ती नामा पंचनामा बनाकर उक्त धान उपार्जन समिति के ही सुपुर्द कर दिया था। पूछताछ में ये बात सामने आई कि इस धान को चुनूलाल यादव जो इसी समिति में सेल्समैन है के द्वारा लाया गया था। एक बात और सामने आयी कि करीब 7 सौ से 8 सौ कट्टा धान उपार्जन केंद्र के आसपास के घरों में और रखा हुआ है। मंगलसिंग यादव , विष्णुराम यादव , तथा संतराम पिता जगदीश यादव के घरों में रखे धान की जांच के दौरान पता चला कि 731 कट्टा धान पिछले वर्ष इसी उपार्जन केंद्र से लाकर इन घरों में रखा गया था। तत्कालीन समय में चुनुलाल यादव इसी उपार्जन केंद्र में खरीदी प्रभारी रहे थे। धान की शार्टेज बताकर उक्त धान की हेराफेरी की गई थी। धान के कट्टों पर इसी उपार्जन केंद्र की स्टेनशील लगी हुई थी। जांच अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की उपस्थिति में पंचनामा बनाकर 731 कट्टा धान घर मालिकों के ही सुपुर्द कर दिया तथा प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यलयों में प्रस्तुत कर दिया था।
किन्तु इस मामले में सात माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई। सिवाये सेल्समैन चुन्नूलाल को सस्पेंड करने के , अब इस मामले में ग्रामीण नंदकिशोर ध्रुव द्वारा प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत से उनके गरियाबंद प्रवास के दरमियान शिकायत की गई है। नंदकिशोर बताते हैं कि मामले की शिकायत वे लगातार उच्च अधिकारियों को करते आ रहे हैं किंतु मामला अब तक अधर में है। सात माह बीतने के बाद जानकारी सामने आ रही है कि उक्त धान को अब घर मालिक निकालकर खुलेआम बेच रहे हैं।
इस मामले को लेकर जिला खाद्य अधिकारी जन्मेजय नायक कहते है कि मामला उसी वक्त मेरे संज्ञान में आया था। हमने एक्सन भी लिया। हमने अपना जांच प्रतिवेदन भी प्रस्तुत कर दिया है। किंतु पुनरजांच के नाम पर मामला शाखा प्रबंधक के पास अटका हुआ है।