खबर का असर : : पहली बारिश में बह गई वन विभाग की पुलिया , अब पाईप डालकर एप्रोच रोड बना रहे हैं

गरियाबंद। गरियाबंद से ग्राम केशोडर मार्ग पर वन विभाग द्वारा बनाई गई पुलिया पहली ही बरसात में बह गई। इस संबंध में हमने रविवार 17 जुलाई को खबर का प्रसारण अपने सुपरिचित वेबपोर्टल highwaycrimetime पर किया था। मामले की गंभीरता और ग्राम वासियों के आवागमन से संबंधित परेशानियों को देखते हुये विभाग अब वहॉं आनन फानन में सीमेंट के बड़े पाईप डालकर अप्रोच रोड बनाने ( सुधार / मरम्मत ) में लगा हुआ है। इस पुलिया को बनाने में विभाग द्वारा 6 लाख 33 हज़ार रुपये खर्च किये गये थे। ये बात अलग है कि इसके बनने के बाद ग्राम वासियों को राहत मिलने के बजाये , परेशानी खड़ी हो गई।
अब इस परेशानी को दूर करने, वन विभाग द्वारा यहां आनन फानन में मरम्मत कार्य शुरू किया गया है। बताया जा रहा है कि इस कार्य के लिये बाढ़ आपदा मद से बजट लिया जायेगा। पहले जो 6 लाख 33 हज़ार खर्च किये गये ,उसका हश्र देखा जा सकता है। अब गलती सुधारने अलग स्टीमेट ….. अलग खर्च ? वैसे भी केंद्र सरकार ने अब पैक्ड दूध दही लस्सी आटे पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। संभव है इसके पीछे ऐसे ही कुछ कारण या खर्च रहे होंगे। जो भी हो , छुरा कद्दू पर गिरे या कद्दू छुरे पर ….कटना कद्दू को ही है। भुगतना जनता को है।
केशोडार पहुंच मार्ग में एक बार फिर निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार ,इसके लिए बाढ़ आपदा कोष से इस्टीमेट पास कराया जायेगा , अभी पास हुआ नही है। कितना होगा ? अभी जानकारी नहीं मिल पा रही है। वन परिक्षेत्राधिकारी गरियाबंद पुष्पेंद्र साहू बताते हैं कि स्वीकृति मिलने के बाद हम आपको बता पायेंगे कि कितनी राशि स्वीकृत हुई है । किन्तु काम अभी चल रहा है। बिना राशि स्वीकृति के। बगैर तकनीकी दक्षता के निर्माण कार्य कराये जाने के सवाल पर रेंजर साहू कहते है कि हमें निर्माण कार्यों का भी प्रशिक्षण प्राप्त है।

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