गरियाबंद। गरियाबंद से केसोडार मार्ग पर वन विभाग द्वारा बनाया गया पुलिया पहली बरसात के पानी में बह गया। गत दिनों हुई बारिश से नवनिर्मित पुलिया के टूट जाने के कारण ग्रामवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से उक्त ग्रामवासियों का सीधा संपर्क अब टूट चुका है। ग्राम पंचायत डोंगरी गांव के आश्रित ग्राम केसोडार मार्ग पर एक छोटे नाले पर वन विभाग द्वारा वण्डलाधिकारी के मार्ग निर्देशन में लगभग 6 लाख 33 हजार रुपये की लागत से पुलिया का निर्माण इसी वर्ष किया गया था। पुलिया के दोनों तरफ मिट्टी – बोल्डर के उखड़कर बह जाने से अब आवागमन अवरुद्ध हो गया है। इस बारिश ने पुलिया निर्माण में वन विभाग के गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की पोल खोल कर रख दी है। तकनीकी निर्माण का कार्य बिना अनुभव के कर्मचारियों के द्वारा कराया गया, जिसका खामियाजा जनता को भी भुगतना होगा। ग्रामीणों को अब ग्राम तांवर बहरा, नहरगांव होते हुये एक लंबा चक्कर काट कर नगर तक पहुँचना होता है। बगैर तकनीकी दक्षता के चलते पुलिया ध्वस्त हो गई और वन विभाग के घटिया निर्माण से शासन को भी नुकसान हुआ । ग्राम डोंगरी गांव के सरपंच ने इस पुलिया निर्माण की जांच की मांग की है। वैसे इस मांग से कुछ होना नही है ,जांच की फाइल किसी टेबल पर धरी रह जायेगी और कर्ता-धर्ता कही और निकल जायेंगे।
एक आम चर्चा है कि वन विभाग अब अपने मूल कार्य ,वनों की सुरक्षा ,वन्य प्राणियों की रक्षा को छोड़ किसी निर्माण एजेंसी की तरह निर्माण कार्यो में व्यस्त हैं , जबकि इस विभाग के पास किसी तरह का तकनीक संसाधन नही है।
वन विभाग का घटिया निर्माण :: पहली बारिश में बह गई पुलिया
