23 कृषकों से 1लाख 96 हज़ार रुपये की वसूली
किरीट ठक्कर , गरियाबंद। जिले में सरकारी योजनाओं में सेंधमारी आम हो चली है , चाहे वो स्वच्छ भारत मिशन हो या प्रधानमंत्री आवास योजना। यदि गहन छानबीन की जाये तो फर्जीवाड़े के चौकानें वाले आंकड़े सामने आते रहेंगे।
जिले के कृषि विभाग द्वारा विगत 5 महीनों में सघन अभियान चलाकर ग्राम स्तर पर मैदानी अमलों के माध्यम से पीएम किसान के लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कराया गया, जिसमें अब तक 66 हजार 660 कृषकों के नाम फर्जी पाये गये है जिन्हें पोर्टल से विलोपित किया गया है। जिले के कुल 603 आयकर दाता कृषकों में से 23 कृषकों से 1,96,000 रुपये की राशि वसूली कर सरकार के खाते में जमा की गई है। इसके साथ ही साथ योजनान्तर्गत अपवर्जन श्रेणी के पंजीकृत शासकीय कर्मचारी/आयकर दाता/ संवैधानिक पद धारित की पहचान कर वसूली कार्यवाही की जा रही है।
विदित हो कि भारत सरकार द्वारा जिले के पंजीकृत हितग्राही किसानों को राशि पहुँचाने के लिये ई-केवाईसी कराया जा रहा है। अब तक पीएम किसान योजनान्तर्गत जिले के 87 हजार 738 किसानों का ई-केवाय सी किया जा चुका है। उप संचालक कृषि से मिली जानकारी के अनुसार शेष किसानों का भी जल्द से जल्द ई-के वाय सी पूर्ण कर लिया जायेगा। ई – केवाई सी के बाद योजनान्तर्गत विसंगति नही होने के का दावा किया गया है। ई – केवाई सी से छूटे जिले के किसानो को , 31 जुलाई 2022 से पहले तक ई – केवाईसी कराने का सुझाव दिया गया है।
उप संचालक कृषि से मिली जानकारी के अनुसार जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में , पीएम किसान पोर्टल में कुल 2 लाख 1 हजार 436 किसान पंजीकृत थे। अब तक किये गये भौतिक सत्यापन के बाद 66,660 अपात्र कृषकों के नाम पोर्टल से विलोपित किये जा चुके हैं।
जिले के राजस्व रिकार्ड के मुताबिक जिले में 1लाख 27 हज़ार किसान है , जिन्हें किसान किताब आबंटित है। किन्तु पीएम किसान सम्मान निधि योजना में 2 लाख 1436 किसानों का पंजीयन हुआ है।
सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भी शामिल है। इसके अंतर्गत छोटे और सीमान्त किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। लेकिन इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होना अनिवार्य है। यदि आप पात्र नहीं हैं और इस योजना का लाभ ले रहे हैं तो आपको पैसे लौटाने होंगे।