गरियाबंद hct : जल संसाधन संभाग के कार्यपालन अभियंता आशुतोष सारस्वत के विरुद्ध थाना सीटी कोतवाली गरियाबंद में धारा 166 की कार्यवाही हेतु शिकायत दर्ज कराई गई। हालांकि थाना प्रभारी द्वारा मामला पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य पाये जाने पर धारा 155 के तहत फेना काट दिया गया साथ ही प्रार्थी को न्यायालय की शरण में जाने का मशवरा दिया गया है।
क्या है शिकायत में

जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा द्वारा जल संसाधन संभाग गरियाबंद में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिये आवेदन प्रस्तुत किया गया था , जिसे विभाग द्वारा आरटीआई की धारा 8 (1) c का उल्लेख करते हुये खारिज कर दिया गया। आरटीआई कार्यकर्ता प्रीतम सिन्हा के अनुसार जन सूचना अधिकारी द्वारा ,मुझे हानि पहुँचाने तथा तथ्यों को छुपाने के उद्देश्य से जानबूझकर आवेदन निरस्त किया गया है। इसीलिये आशुतोष सारस्वत जनसूचना अधिकारी, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग गरियाबंद के विरुद्ध भादवि की धारा 166 के तहत मामला पंजीबद्ध कर कानूनी कार्यवाही की जाये। हालांकि पुलिस ने मामला पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य माना और कोई कार्यवाही नही की , किन्तु जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी के विरुद्ध थाने में की गई शिकायत की चर्चा तो लाजमी है।
क्या है धारा 166
कोई भी सरकारी / सार्वजनिक कर्मचारी सरकारी कार्यालय में आम नागरिकों से दुर्व्यवहार, हानि या चोट पहुँचाने के उद्देश्य से मारपीट आदि नही कर सकता। भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के अनुसार , सरकारी कर्मचारी जो दूसरे को चोट पहुँचाने के इरादे से कानून का उल्लंघन करता है, उसे कारावास या जुर्माना या दोनों की अवधि के साथ दंडित किया जा सकता है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी आपको हिट करता है या अपमान करता है तो उस पर आईपीसी की धारा 166 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
