जल संसाधन विभाग गरियाबंद : भ्रष्टाचार की “जांच की आँच अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू तक पहुंची

गरियाबंद hct। कहते है भ्रष्टाचार की जाल का एक सिरा उधेडो, तो बाकी सिरे अपने आप खुलते जाते हैं। कुछ ऐसा ही सिलसिला गरियाबंद जल संसाधन विभाग में चल रहा है। भाजपा “सूचना का अधिकार, प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रीतम सिन्हा इस विभाग की कमीशनखोरी, कर चोरी, गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य व आर्थिक भ्रष्टाचार जैसी कारगुजारियों के विरुद्ध लगातार आवाज उठाते रहे हैं।
उनके लगाये आरोपों का विभाग के पास कोई जवाब भी नहीं है। पिछले काफ़ी समय से प्रीतम सिन्हा पैरी परियोजना अंतर्गत निर्मित पैरी दायीं मुख्य नहर लाइनिंग कार्य में भ्रष्टाचार को लेकर स्थानीय स्तर पर शिकायत व आरोप लगाते आ रहे हैं, किन्तु अब मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है।

प्रीतम सिन्हा

प्रीतम सिन्हा ने इस मामले में अब भारतीय प्रशानिक सेवा के अधिकारी एवं छत्तीसगढ़ शासन में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता के आरोप लगाये है और जांच की मांग की है। उनकी शिकायत पर, मंत्रालय भारत सरकार, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को जांच हेतु पत्र जारी किया गया है।

प्रीतम सिन्हा द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित शिकायती पत्र में सुब्रत साहू (आईएएस 1992 बैच) अपर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन पर , करोड़ो रुपयों के कार्य में ठेकेदार के साथ मिलकर पद का दुरुपयोग करते हुये, फर्जी बिल व्हाउचर, कूट रचना, साजिश, मनमानी, शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की मांग की है।

सुब्रत साहू का साथ, अनिल सिंह चंदेल का हाथ

विगतवार प्राप्त जानकारी के अनुसार जल संसाधन संभाग गरियाबंद छत्तीसगढ़ शासन के अधीन पैरी परियोजना अंतर्गत वर्ष 2020 – 21 में 44 करोड़ रुपये की लागत से पैरी दायीं मुख्य नहर लाइनिंग का कार्य स्वीकृत हुआ, जिसके लिये मेसर्स अशोक कुमार मित्तल ऐ क्लास कॉन्ट्रेक्टर व शासन के बीच अनुबंध किया गया है। इस अनुबंध के बाद अनुबंधकर्ता व विभागीय अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर एक खास मुख्तियारनामा तैयार करते हुये “अनिल सिंह चंदेल , निवासी खम्हारडीह शंकर नगर रायपुर को इस कार्य से संबंधित समस्त अधिकार सौंप दिया गया। इस अनिल सिंह चंदेल के आत्मीय संबंध सुब्रत साहू अपर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन के साथ होने की वजह से इस जनहित के निर्माण कार्य में अनियमितता व भ्रष्टाचार व्याप्त हो गया।

प्रीतम सिन्हा के अनुसार सुब्रत साहू द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के एक जिम्मेदार पद में रहते हुये अपने खास समर्थक अनिल सिंह चंदेल को गुणवत्ताहीन कार्य के बदले फर्जी बिल व्हाउचरों का भुगतान कर आर्थिक लाभ पहुँचाया गया, जिससे शासन को करोड़ों रुपयों की आर्थिक हानि हुई है।

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