गरियाबंद hct। जिले का जलसंसाधन विभाग, भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है और अब अपने भ्रष्टाचार व आर्थिक अनियमितताओं पर पर्दा डालने के मंसूबे के तहत आरटीआई कार्यकर्ताओं, एक्टिविस्टों को गुमराह किया जा रहा है, उपरोक्त आरोप जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा द्वारा जल संसाधन संभाग पर लगाये जा रहे हैं।

विदित हो कि भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रीतम सिन्हा लगातार इस विभाग की कारगुजारियों को लेकर मुखरित रहे हैं, समय समय उन्होंने इस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को प्रमाणकों सहित उजागर किया है। जिले के राजिम क्षेत्र में निर्मित हो रहे 44 करोड़ की नहर लाइनिंग कार्य में व्याप्त भ्रष्टाचार अनियमितताओं को भी उजागर किया, साथ ही जिले के छुरा ब्लॉक के बहुत ही पुराने गोल्डानाला बांध से अवैध मुरुम खनन का मामला भी प्रीतम सिन्हा ने मीडिया के माध्यम से उजागर किया।
आलम ये है कि अब जल संसाधन संभाग गरियाबंद के कार्यपालन अभियंता आशुतोष शारस्वत द्वारा आरटीआई आवेदनों पर मनगढ़ंत धारा लगाकर आवेदकों को गुमराह किया जा रहा है।
प्रीतम सिन्हा के अनुसार विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता, कूटरचना तथा फर्जीवाड़े को जनता के सामने लाने की गरज से मेरे द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 7 (1) के तहत आवेदन जानकारी हेतु लगाया गया, किन्तु विभाग द्वारा मेरे आवेदन पर मनघड़ंत धारा 8, 1 ( c ) का उल्लेख कर, चाही गई जानकारी देने से इनकार कर दिया गया, जबकि मेरे द्वारा चाही गई जानकारी पर उक्त धारा लागू ही नहीं होती। राज्य सरकार के अधिकारी दबाव में आकर जानकारी छिपाने के प्रयास कर रहे हैं और इस प्रयास में सूचना का अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
