व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने का खेल
गरियाबंद। ग्राम मजरकट्टा के किसान रेवा राम देवांगन ने तहसीलदार व हल्का पटवारी मजरकट्टा पर मिली भगत कर व्यक्ति विशेष को अनुचित लाभ पहुँचाने का आरोप लगाया है साथ ही इस मामले की जांच के लिये अनुविभागीय अधिकारी ( रा ) अनुभाग गरियाबंद के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है।
दरअसल ये मामला गरियाबंद-रायपुर रोड एन एच 130 से लगी बेशकीमती जमीन का है। कृषक रेवाराम की माने तो राजस्व अधिकारी कर्मचारी द्वय मिलकर सीमांकन के नाम बड़ा खूबसूरत खेल खेल रहे हैं। ये खेल कौड़ियों की जमीन को लाखों में तब्दील किये जाने का है। आसान शब्दों में कृषक रेवाराम से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम मजरकट्टा के ही निवासी बिसनाथ ठाकुर पिता पुर्रू के नाम खसरा नंबर 994/1 रकबा 0.02 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज है। जो कि रेवाराम के द्वारा धारित भूमि से लगी हुई है।
राजस्व अभिलेख में हेराफेरी किये जाने की आशंका
बिसनाथ ठाकुर द्वारा पूर्व में धारित भूमि खसरा नंबर 994 रकबा 0.55 हेक्ट.को खसरा न.994/2 से लेकर 994/7 तक कई टुकड़ों में विभाजित कर अलग अलग व्यक्तियों को बिक्री कर दिया गया है। गरियाबंद-रायपुर रोड पर स्थित उक्त सभी भूमि बिल्कुल रोड से लगी हुई है, किन्तु उक्त खसरे का एक टुकड़ा रकबा 0.02 हेक्टेयर , खसरा न.994/1 पीछे की ओर स्थित है, जो कि राजस्व नक्शे में भी दृष्टिगत है। अब बिसनाथ ठाकुर के आवेदन पर सीमांकन माप के नाम पर उक्त खसरा नंबर 994 /1 की भूमि को, खसरा नम्बर 1019 के सामने ( रोड से लगकर ) भाग में सीमांकन माप किया जा रहा है। इस तरह बिसनाथ को अनुचित लाभ दिये जाने की कोशिश की जा रही है। रेवाराम ने खसरा नं.- 994 /1 रकबा 0.02 हेक्टेयर भूमि को राजस्व अभिलेख में हेराफेरी किये जाने की आशंका व्यक्त की है।
इस मामले का एक पहलु ये भी है कि अविभाजित खसरा नंबर 1019 रकबा 0.40 हेक्ट.भूमि के स्वामित्व संबंधी प्रकरण हाई कोर्ट बिलासपुर में लंबित है। तहसीलदार किशोर शर्मा से इस संबंध की गई चर्चा पर उन्होंने कहा कोर्ट में मामला लंबित रहने पर भी हम सीमांकन आदि का कार्य तब तक नही रोक सकते, जब तक आप संबंधित न्यायालय से यथा स्थिति का आदेश नही ले आते। एसडीएम विश्वदीप यादव ने यथोचित कार्यवाही का आश्वसन दिया है।
इधर कृषक रेवाराम की आस अब मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के भेंट – मुलाकात कार्यक्रम पर अटकी है , जैसा कि मुख्यमंत्री के इस जिले में भी आने की उम्मीद है। इस मामले की शिकायत वे सीधे मुख्यमंत्री से करने की मंशा रखते हैं।
