बालोद hct : जिला में इन दिनों गांव–गांव में सरकारी और गैर सरकारी जमीन की नाप-जोख का कार्य शासन के द्वारा कराई जा रही है, जिसे लेकर गांव गांव में काफी हलचल देखी जा रही है। जिला के गुरूर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पिकरीपार में आज संपन्न हुआ जमीन नाप का कार्य , सरकारी कर्मचारियों के साथ ग्रामीण भी रहे तो वहीं गुरूर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पलारी में अवैध कब्जाधारी उतम साहू के खिलाफ ग्राम पंचायत सरपंच रामसिंह मार्कंडेय ने अश्लील गाली गलौज व जान से मारने की धमकी का आरोप लगाते हुए पुलिस थाना में अपराध पंजीबद्ध कराया है।
मामले में पुलिस के द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि, 02/5/2022 को ग्राम पंचायत सरपंच रामसिंह मार्कंडेय व पंचायत के अन्य और पंच पटवारी के साथ उतम साहू के द्वारा अवैध तरीके से बनाई जा रही मकान पर कार्यवाही करने हेतू पंचनामा तैयार कर रहे थे, इस दौरान उतम साहू के द्वारा अश्लील गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दिया है।
विदित हो कि, ग्राम पंचायत पलारी में कुछ दिनों से अवैध कब्जा संबंधित विषयों को लेकर विवाद मची हुई है, हालांकि कि विवाद को निपटाने हेतू प्रशासन पलारी के लोगों की मांग पर समस्त पलारी की सरकारी गैर सरकारी भूमि का नाप-जोख का आदेश जारी कर दिया है; जिस पर कार्य भी शुरू हो गया है। ऐसे में उतम साहू ग्राम पंचायत सरपंच रामसिंह मार्कंडेय व सहयोगी पंचों के साथ इस तरह के व्यवहार उचित नहीं माना जा सकता है।
गुरूर तहसीलदार ने ग्रामीणों को बैठक के दौरान दिया था चेतावनी कि कोई ग्रामीण सरकारी कार्य में बाधा ना पहुंचाये, ग्रामीणों के द्वारा इस तरह से हरकत किए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगा , जिसके बाद भी उतम साहू ने तहसीलदार गुरूर की इस आदेश को चुनौती देते हुए अवैध जमीन पर पंचनामा करने गए पंचायत सदस्यों के गलत तरीके से गाली गलौज व जान से भी मारने की धमकी दिया गया है इस पर सरपंच व पंच काफी आक्रोश में है।
शिकायतकर्ताओं की मानें तो उतम साहू राजनीतिक संरक्षण के दम पर पलारी के ग्रामीणों के मध्य मनमानी करता है, गांव में खुलेआम सट्टा कारोबार संचालित करता था, जिस पर पलारी के ग्रामीणों के द्वारा लगातार शिकायत किया गया लेकिन सत्ता के अंधी सुख सराबोर पुलिस विभाग, उतम साहू को ग्राम पंचायत पलारी में सट्टा कारोबार संचालित व मनमानी एवं दादागिरी करने हेतू बार बार कानून से बचता रहा है, लेकिन इस बार सरकारी कार्य में हस्तक्षेप करने पर शासन और प्रशासन क्या फैसला लेता है इस पर सबकी नजर बनी हुई है। इससे पहले उतम साहू पर समस्त ग्रामवासीयो द्वारा गांव में अवैध तरीके से शराब व सट्टा कारोबार संचालित करने को लेकर समस्त ग्रामवासियों के मध्य स्वीकार करते हुए ग्रामीणों के मध्य ग्रामीण रिवाज अनुसार दंड दिया था।
ग्रामीणों की मानें तो पुलिस उतम साहू की अब तक बनी हुई थी ढाल, जिसके चलते खुलेआम उतम साहू गैरकानूनी कार्य को खुलेआम संचालित करता था। पढ़ाई ना के बराबर लेकिन खुद को पत्रकार बता कर लोगों को पत्रकार होने का धौंस दिखाने का प्रयास करता था, साथ ही सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का नाम लेकर लोगों को डराने-धमकाने का प्रयास किया करता था जिसके चलते ग्राम पंचायत पलारी के जागरूक नागरिक इसके खिलाफ कुछ भी कहने व बोलने से डरते थे। लोगों के मन में अपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों को संरक्षण देने वाले सत्ताधारी पार्टी के नेताओं पर काफी नाराजगी है, जिस पर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक संरक्षण देने वाले लोगों को विचार करने की आवश्यकता है। बहरहाल ग्राम पंचायत पलारी में सभी ग्रामीण की मकान और जमीन की नाप प्रक्रिया जारी है…
