बालोद hct : जिला कांग्रेस कमेटी बालोद में एक जाना-पहचाना नाम है; अभिषेक शुक्ला, जिन्होंने खुद को कांग्रेस पार्टी से अलग करते हुए इस्तीफा दे दिया है। अभिषेक शुक्ला को कांग्रेस कमेटी के अंदर एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाना व पहचाना जाता रहा है। पार्टी के अंदरूनी मौजूदा स्थिति से नाराज़ होकर शुक्ला ने पार्टी को अलविदा ही कहना उचित समझा है। यह खबर निश्चित तौर पर अभिषेक शुक्ला को देखकर जिन्होंने कांग्रेस पार्टी में अब तक भरोसा बरकरार रखा हुआ है उनके लिए चिंतन का विषय है।
कांग्रेस पार्टी की प्रदेश के अंदर कई गुट है यह जगजाहिर है और शायद इसे दोहराने की जरूरत नहीं। लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद भी यह सारे गुट अपनी ही पार्टी के सरकार से नाराज़ हो शायद यह बात किसी भी सत्ता रूढ़ दल के लिए अच्छी बात नहीं होंगी। प्रदेश के अंदर कांग्रेस पार्टी की सरकार तो चल रही है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर किसकी चल रही है यह आम जनता की समझ से परे नजर आ रही है। खुलेआम सत्ता धारी दल के चुने हुए विधायक एक दूसरे पर पिछले दिनों कीचड़ उछाल कर यह साबित कर दिया कि कीचड़ की जरूरत सिर्फ कमल को ही नहीं होती है अब हाथ भी कीचड़ से सन चुकी है।
कांग्रेस की खिसकती जमीन जिम्मेदार कौन ?
बालोद जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं जिला पंचायत के पूर्व सभापति अभिषेक शुक्ला ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम एवं प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया को भेज दिया।
अभिषेक शुक्ला ने कहा वे कांग्रेस में दुर्ग जिला के कद्दावर नेता मेरे राजनीतिक गुरु स्व.दाऊ वासुदेव चंद्राकर के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में युवक कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीति की शुरुवात की। एक कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी के रूप में लगातार 25 वर्षो तक तन, मन, धन से पार्टी द्वारा दिये गए दायित्वों का निर्वहन धरातल में किया, पर दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सरकार और कांग्रेस पार्टी ने कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं का साथ छोड़ दिया।

कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब पूरे छत्तीसगढ़ सहित बालोद जिला में आयोजित संकल्प शिविर में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम शीर्षस्थ नेता मंच से कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया था। यदि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनती है तो बूथ, सेक्टर, जोन, ब्लॉक के कार्यकर्ताओं के अनुसंशा के आधार पर कार्य कराए जाएंगे उनका सम्मान रहेगा। परन्तु कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वह कार्यकर्ता अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। स्थिति ये हो गई कि कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने छोटे से छोटे काम के लिए विधायकों, मंत्रियों, अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है, फिर भी उनका काम नही हो रहा है।
किसानों एवं आम जनता के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करता रहूंगा : अभिषेक
अभिषेक ने कहा “मैं जब बालोद जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर था। मैंने भी इन्ही सब बातों को पार्टी के कार्यकर्ताओं से कही थी और कहा था कार्यकर्ता ही हमारी पूंजी है परंतु वर्तमान में उनकी स्थिति देखते हुए मुझे आत्मग्लानि होती है। कांग्रेस ऐसी पार्टी हो गई है जिसकी कोई नीति है ना रीति यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है दुर्भाग्य है कि आज हजारो कार्यकर्ताओ की मेहनत से कांग्रेस में ऊंचाई पर बैठे लोग बड़े नेता बनकर अब अपने आपको पार्टी से भी बड़ा समझने लगे है।
उन्होंने आगे कहा कांग्रेस में अब संगठन नाम की कोई चीज नही है। कांग्रेस अब सिर्फ चाटुकारो एवं चापलूसों की पार्टी बन गयी है। सरकार में भी ऐसे ही लोगो का बोलबाला है। कांग्रेस की इन सभी स्थितियों को देखकर मैंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। मैं जनता का सेवक हूं, गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के साथ ही बालोद जिले के किसानों एवं आम जनता के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करता रहूंगा।
