बालोद। छत्तीसगढ़ के स्थानीय भाषा में रखवार शब्द का मायने सुरक्षा प्रदान करने वाला होता है। यह शब्द ज्यादातर प्रदेश के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में उपयोग पर लाया जाता है। प्रदेश के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में रहने वाले ज्यादातर प्रदेशवासी कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं जिनकी फसलो की सुरक्षा हेतू ग्रामीण गांव स्तर पर रखवार (फसल की रखवाली करने वाला शख्स) की व्यवस्था करते हैं। फसलों की रखवाली करने वाले व्यक्ति को ग्रामीणों के द्वारा चंदा कर मेहनताना देने का रिवाज आज भी चलन पर है उसी तरह इंसानी समाज को भी सुरक्षा की जरूरत होती है जिसके लिए सरकार समाज की मांग अनुसार समाज की सुरक्षा हेतु पुलिस विभाग की व्यवस्था कर रखी है।
पुलिस जिम्मेदारी है समाज के प्रति और इस जिम्मेदारी को पुलिस विभाग सालों से निभाते हुए आ रही है। देश की कानून और संविधान की रक्षा सहित नागरिकों की सुरक्षा को तय करती है पुलिस विभाग। समाज पुलिस को सदैव अपनी सुरक्षाकर्मी के रूप में सदैव नजदीक देखना चाहती है ताकि देश में रहने वाले हर व्यक्ति अपने रखवाल को अपनी सुख और दुख की बात कह सके।
बालोद पुलिस इन दिनों समाज की इस कल्पना को साकार करने में जबदस्त मेहनत कर रही है, जिसकी चर्चा इन दिनों जिला के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में जगह-जगह सुनी जा रही है। गोर्वधन ठाकुर ने जिला पुलिस कप्तान के रूप में बनने के बाद जिला अंतर्गत गांव गांव में अवैध तरीके से शराब बेंचें जाने व अवैध सट्टा सहित अन्य अपराधों पर पुलिस विभाग की ताबड़तोड़ कार्यवाही, जिला के लिए नासूर बन चुकी अवैध शराब एवं अवैध सट्टा बाजार की टिआरपी में जबदस्त गिरावट, हालांकि चोरी-छिपे इस तरह के अपराध अभी भी आनलाइन संचालित किए जाने की खबर है जिस पर जिला के पुलिस महकमा को ध्यान देने की आवश्यकता है।
जिला के सभी थाना एवं चौकी प्रभारी समाज के अवधारणा अनुरूप कार्य रहे है जिसे लेकर जिलावासियों में जबदस्त उत्साह है तो वहीं जिला पुलिस प्रशासन जिला के गांव गांव जाकर लोगों के मध्य बैठ कर पुलिस को समाज का रखवार होने का आभास करा रही हैं। पुलिस विभाग की ओर से लगातार की जा रही इस प्रयास से ना सिर्फ पुलिस की छवि समाज के मध्य बेहतर नजर आ रही है बल्कि सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ रहा है।
देश में इस वक्त नवरात्र की महापर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है हम सभी को पता है कि नवरात्र मां दुर्गा की नवरूपो के महाआस्था का पर्व है और मां दुर्गा एक स्त्री है। भारत में नारी पुज्यनिय मानी जाती है यह सत्य है और इस वक्त जिला के सभी महिलाएं बालोद पुलिस के द्वारा की जा रही लगातार अपराध पर नियंत्रण से संतुष्ट नजर आ रही होंगी जिसके चलते बालोद पुलिस इन दिनों चर्चा में है।
