रायगढ़ (Raigarh News) : अधिवक्ता संघ रायगढ़ की भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुई मुहिम में अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने संज्ञान ले लिया है, और उसकी ओर से रायगढ़ के अधिवक्ताओं पर फर्जी धाराएं लगाकर उन्हें गिरफ्तार करने की बात पर कड़ी आपत्ति जताते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डीजीपी जुनेजा को पत्र लिखा है।
इस पत्र में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि; रायगढ़ के अधिवक्ताओं पर दर्ज किया गया झूठा मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए। अधिवक्ताओं पर दर्ज किए गए f.i.r. में बिना आधार के केवल प्रशासनिक दबाव के चलते पुलिस की ओर से एट्रोसिटी एक्ट लगाए जाने पर भी बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। पत्र लिखते हुए यह कहा गया है कि तत्काल ही छत्तीसगढ़ सरकार और प्रदेश के डीजीपी नियम विरुद्ध किए गए f.i.r. को वापस ले।
छत्तीसगढ़ की सरकार यदि होश में नहीं आई तो होगा देश व्यापी होगा आंदोलन
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र भेजते हुए अपनी मंशा को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया गया है। रायगढ़ के मसले पर उसकी ओर से पत्र दिए जाने के बाद अब यह माना जा रहा है कि यह लड़ाई अब केवल रायगढ़ या छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रहेगी। यदि छत्तीसगढ़ की सरकार वकीलों को और तहसील कार्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे को हल्के में लेगी तो यह आंदोलन अब राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हो जाएगा। वर्तमान में पूरे प्रदेश भर के राजस्व न्यायालयों में हो रहे भ्रष्टाचार के उजागर होने के बाद भी प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है।
अधिवक्ताओं की ओर से शुरू किया गया यह आंदोलन अब रोजाना तेजी से जोर पकड़ेगा और इस आंदोलन की आग को यदि प्रदेश सरकार ने समय रहते नहीं संभाला तो इसका स्वरूप देशव्यापी होने से कोई नहीं रोक सकता। भ्रष्टाचार के खिलाफ रायगढ़ के अधिवक्ताओं के साथ खड़ा हो गया अधिवक्ताओं का राष्ट्रीय संगठन बार काउंसिल आफ इंडिया ! अधिवक्ताओं के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई करने पर जताई कड़ी आपत्ति, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और डीजीपी से कहा तत्काल मामला वापस ले !
