समर्थन मूल्य पर धान खरीदी : सुखत और शार्टेज के नाम पर बड़ा खेल।

किरीट ठक्कर , गरियाबंद। समर्थन मूल्य पर इस खरीफ सीजन की धान खरीदी बंद हो चुकी है, किन्तु इस बीच अनेक सोसायटियों समितियों में कई तरह के फर्जीवाड़े और लापरवाहियां भी सामने आती रही है। जिले में इस वर्ष किसानों से अधिक धान तौल को लेकर जहाँ एक ओर बेलटुकरी उपार्जन केंद्र चर्चित रहा तो वही दूसरी ओर काफी बड़ी मात्रा में बिन्द्रानवागढ़ खरीदी केंद्र में पुराना धान पकड़ा गया। शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान विभिन्न समितियों में सुखत व शार्टेज बताकर किये गये फर्जीवाड़े की आम चर्चा होती है। इस मामले की जब खोज खबर ली गई तो एक बड़ा आंकड़ा सामने आया है।

उपार्जन केंद्रों में सुखत और परिवहन के दौरान शार्टेज का आंकड़ा बेहद चौकानें वाला

विदित हो कि पिछले खरीफ वर्ष 2020 -21 में गरियाबंद जिले में 76 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की गई थी। इन उपार्जन केंद्रों में सुखत और परिवहन के दौरान शार्टेज का आंकड़ा बेहद चौकानें वाला है, कहीं – कहीं ये 14 प्रतिशत तो कहीं कहीं 8 से 9 प्रतिशत से भी अधिक रहा है, जबकि धान खरीदी से जुड़े एक अहम जानकर के अनुसार पूरे वर्ष भर धान रखा जाये तो भी 3 प्रतिशत से अधिक शार्टेज नही हो पाता। जिले में पिछले खरीफ सीजन लगभग 76 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की गई थी और इस दौरान 72 हजार क्विंटल से अधिक धान का शार्टेज हुआ था।

एक जानकारी के अनुसार मार्कफेड तथा समितियों के बीच 72 घंटे में धान के उठाव को लेकर अनुबंध होता है, मतलब एक तरफ किसानों से धान खरीदी होती रहती है तो दूसरी ओर संग्रहण केंद्र तथा मिलर्स के लिए धान का उठाव भी होता रहता है। बफर लिमिट से अधिक धान खरीदी होने पर उठाव तुरंत किया जाता है। इसके बाद भी बड़ी मात्रा में सुखत और शार्टेज क्यों और कैसे होता होगा समझ से परे है।

पिछले वर्ष शार्टेज बताया गया था धान, इस वर्ष खपाने की कोशिश नाकाम हुई

दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह में धान उपार्जन केंद्र खम्हारिपारा बिन्द्रानवागढ़ में 127 कट्टा पुराना धान खपाने की कोशिश ग्रामीणों की सजगता से नाकाम हो गई। पिछले वर्ष इसी खरीदी केंद्र में पदस्थ रहे सेल्समेन चुन्नुराम यादव के द्वारा पुराना धान इस सीजन में खपाने लाया गया था , भेद खुल गया, साथ ही ये बाते भी सामने आयी कि खरीदी केंद्र के आस पास के घरों में लगभग 800 कट्टा धान और रखा हुआ जो इसी उपार्जन केंद्र का था।

ग्रामीणों के अनुसार सेल्समेन के द्वारा खरीफ वर्ष 2020 – 21 की खरीदी में शार्टेज दिखाकर करीब हजार कट्टा धान आस पास के घरों में रखवा दिया गया था। शिकायत पर पहुंचे अधिकारियों ने पाया कि उक्त धान की बोरियों में इसी समिति का स्टेनसील लगा हुआ है। तत्समय जब्तिनामा व पंचनामा बनाकर धान ग्रामीणों की सुपुर्दगी में ही रखा गया है। जबकि ग्रामीणों के द्वारा कलेक्टर से विधि सम्मत कार्यवाही की मांग की जा रही है।

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