रायपुर। आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने अनेक घोषणाये की है। इनमें कर्मचारी हित में की गई घोषणा के तहत शासकीय कर्मचारियों के हित में अंशदायी पेंशन योजना अंतर्गत राज्य सरकार का अंश दान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त शासकीय कर्मचारियों की कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए पांच दिवसीय साप्ताहिक प्रणाली पर कार्य करने की घोषणा की है। अर्थात अब सप्ताह में दो दिन का शासकीय अवकाश होगा।
प्रशासनिक सेवा संघ ने इस फैसले का किया स्वागत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों के हित में की गई उक्त दोनों घोषणाओं पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने इसका स्वागत किया है। राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय के अनुसार शासकीय अधिकारियों -कर्मचारियों के लिए ये फैसला बहु प्रतीक्षित था, जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पूरा कर दिया है। इससे सभी शासकीय सेवकों की उत्पादकता और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। शासकीय दायित्वों के साथ अब पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन भी कर सकेंगे।
वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार अजीत शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है की अंशदायी पेंशन में हिस्सेदारी 14 प्रतिशत करने की बजाये पुरानी पेंशन लागू कर देते तो कर्मचारियों को कही ज्यादा राहत मिलती। वही 5 कार्य दिवस वाले सप्ताह लागू करने से कोई ज्यादा परिवर्तन नहीं दिखेगा, क्योंकि दूसरे और तीसरे शनिवार पहले ही घोषित कार्यालीन अवकाश होता था और बाकी शनिवार अघोषित कार्यालय अवकाश…
अब तो इस अवकाश से कार्यालयीन बाबुओं की और मौज हो जायेगी। वही दूसरी तरफ शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यदिवस की इस नवीन प्रणाली से मतभेद बढ़ेंगे, कार्यालयीन स्टॉफ का बहाना कर प्राचार्य और बाबुओं के घोषित मजे रहेंगे। वैसे भी प्रदेश की ज्यादातर संस्थाओं में प्राचार्य एक भी क्लास में जाकर बच्चों को नही पढ़ाते। बायोमेट्रिक्स उपस्थिति पहले ही बंद पड़ी है। बाकी तो फिर भगवान ही मालिक है …
