गरियाबंद hct : देवभोग तहसीलदार द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर, मैनपुर तहसील क्षेत्र के किसान के खेत से धान उठा ले जाने की जानकारी सामने आयी है। जन चौपाल में जिला मुख्यालय पहुंचे मैनपुर तहसील के ग्राम बंधियामाल के किसान मोहन लाल नायक ने इस संबंध में जिलाधीश गरियाबंद के नाम आवेदन देकर दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।
किसान मोहन लाल के अनुसार वह ग्राम बंधियामाल पटवारी हल्का नंबर 26 तहसील मैनपुर जिला गरियाबंद का कास्तकार है। उक्त भूमि मेरी पैतृक भूमि है जहाँ पर मेरा परिवार पीढ़ियों से कास्तकारी करते आ रहा है। मोहनलाल ने दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में धान की मिसाई कर धान खेत में छोड़ दिया था। 13 दिसम्बर 2021 को किसी परिजन की मृत्यु होने पर परिवार सहित मौत मिट्टी कार्यक्रम में दूसरे गांव चला गया था। 15 दिसम्बर को वापस आकर देखा तो खेत में रखा 97 बोरा धान नही था। गाँव वालों से पूछने पर पता चला कि उक्त धान तहसीलदार देवभोग समीर शर्मा द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर ग्राम बंधियामाल तहसील मैनपुर से ट्रेक्टर में भर कर ले गया है।
किसान मोहनलाल का कहना है कि प्रशासन के मौखिक निर्देशानुसार ऐसे किसान , जिनकी ओडिसा में भी कृषि भूमि है वें छत्तीसगढ़ स्थित अपने खेतों की फसल की मिसाई कर खेत में ही रखकर सीधे संबधित कृषि मंडी ले जाकर विक्रय करें। फसल कहाँ की है इसकी पारदर्शिता रखने ये व्यवस्था की गई है। इसीलिये धान मिसाई कर खेत में ही रखा हुआ था कि अचानक परिजन की मृत्यु पर दूसरे गाँव जाना पड़ा। किन्तु तहसीलदार समीर शर्मा द्वारा बिना किसान की जानकारी के बलपूर्वक फसल उठाकर ले गया। जब कि किसान मोहन लाल का ग्राम बंधियामाल प.ह.न. 26 तहसील मैनपुर का कृषि भूमि पट्टा है।
पंचनामे का खेल !
मोहन लाल के अनुसार 22 जनवरी को हल्का पटवारी मगररोडा प.ह.न. 8 के द्वारा मोबाइल न.8770895270 से कॉल कर कहा गया कि आपके ग्राम बंधियामाल की जो फसल जप्ती हुई है उसका पंचनामा ग्राम मगररोडा तहसील देवभोग के नाम से बनाया जायेगा, मैंने उनकी बात पर तुरंत आपत्ति की है। किसी अन्य व्यक्ति ने भी फोन कर मोहनलाल से कहा कि किसी अधिकारी की शिकायत मत करना आपका धान आपको वापस मिल जायेगा।
कृषक मोहन लाल रिपोर्ट दर्ज कराने थाना देवभोग भी गया किन्तु उसकी रिपोर्ट दर्ज नही की गई। अनुविभागीय अधिकारी देवभोग के समक्ष भी आवेदन प्रस्तुत किया गया है किंतु किसी प्रकार की राहत नही मिलने से किसान विगत डेढ़ माह से परेशान हैं।
