क्षेत्र में सक्रिय भू-माफिया की शिकायत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन।

किरीट ठक्कर, गरियाबंद। जिला मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि में नियम विरुद्ध अवैध प्लाटिंग को लेकर शिकायत की गई है। जांच व कार्यवाही का आश्वासन भी मिला है। पिछले दो-तीन वर्षों के भीतर खेती-किसानी की जमीन को दलालों के द्वारा कौड़ियों के दाम खरीदकर ऊंची कीमत पर बेचने का अभियान चला रखा है। जिसे देखते हुए शिकायतें लगातार की जा रही है।

वरिष्ठ पत्रकार जीवन एस साहू द्वारा नवपदस्थ कलेक्टर नम्रता गांधी को अवैध प्लाटिंग में संलग्न लोगों के नाम सहित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम शिकायत पत्र सौंपा गया है। कलेक्टर सुश्री गांधी ने कहा कि शिकायत पर जल्द कार्यवाही होगी। अवैध प्लाटिंग के इस मामले में कलेक्टर ने गंभीरता दिखाई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि, कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग मामले में शीघ्र कार्यवाही की जाये, क्योंकि गरियाबंद जिला के अंतर्गत व्यापक रूप से कृषि भूमि का अवैध रूप से प्लाटिंग कर पक्का मकान बनाया जा रहा है। जबकि कृषि भूमि से अन्य प्रयोजन हेतु विधिवत डायवर्सन (परिवर्तित) नहीं कराया गया है। जिसमें राजस्व विभाग के सभी स्तर के अधिकारी संलग्न एवं मूक दर्शक है। जबकि नियमानुसार भूमि परिवर्तन विधिवत किया जाना चाहिए। बड़े-बड़े भू-माफिया इस कार्य मे लगे हुए हैं, जहां पर इन व्यक्तियों द्वारा इस तरह के अवैधानिक कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। बग़ैर कोलोनाइजर लायसेंस और बग़ैर भूमि बिना का नक्शा करवाये, धड़ल्ले से जमीनें टुकड़ों में बेची जा रही है। इससे शासन को करोड़ों रुपए की हानि हो रही है। रिकार्ड में कृषि भूमि है और कृषि भूमि के दर पर रजिस्ट्रियां कराई गई है।

भू माफियाओं के नाम सहित शिकायत

शिकायत पत्र में अवैध प्लाटिंग के कार्य में संलग्न भूमाफियाओं के नाम देते हुए कहा गया है कि इन्होंने शासन को क्षति पहुंचाई है, राजस्व अधिकारियों से मिलकर अवैध प्लाटिंग बिना विधिवत अनुमति से किया गया है, जो कि दंडनीय अपराध है। इन विक्रय कर्ताओं की रजिस्ट्रियां रद्द कर विक्रयकर्ता एवं राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिये । गरियाबंद नगर के अलावा ग्राम पंचायत डोंगरीगांव, आमदी ‘म’, पारागांव में व्यापक पैमाने पर अवैध प्लाटिंग की गई है।

निशाने पर अनुविभाग प्रशासन

अवैध प्लाटिंग के धंधे में दलालों के साथ अनुविभाग प्रशासन भी निशाने पर आ गया है। पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विश्वदीप (आईएएस) निशाने पर हैं। जहां एक ओर यह अफसर अवैध कब्जे को लेकर कार्यवाही को अंजाम देते हैं, वहीं अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्यवाही को लेकर उनका रवैया हिला हवाला का है। इससे प्रतीत हो रहा है कि अवैध प्लाटिंग के कार्य करने वाले लोगों को अनुविभाग प्रशासन संरक्षण दे रहा है। जिला प्रशासन से अनेक बार अनुविभाग प्रशासन को कार्यवाही के लिए निर्देश किया गया है, लेकिन कार्यवाही अब तक नहीं हुई है। इस मामले में किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं होने से लगता है कि प्रशासन के संरक्षण में भूमाफिया बेख़ौफ़ होकर कार्य कर रहे हैं।

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