सुकमा hct desk : बस्तर के हरियाली और खुबसूरती के बीच लाल आतंक की दहशत तो वहीं सशस्त्र बलों armed forces की ज्यादतियां जगजाहिर है। बस्तर का कोना – कोना जहाँ बस्तर से आर्म्ड फोर्सेस की वापसी को लेकर आवाज बुलंद कर रही है तो वहीं दूसरी ओर आदिवासी समुदाय लगातार न्याय सहित बस्तर में स्कूल, हास्पिटल, आंगनबाड़ी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है।
मूलवासी बचाओ आंदोलन संघर्ष समिति ने सुकमा जिले में 8 जनवरी 2008 में पुलिस बल के द्वारा मारे गए 18 आदिवासियों के साथ न्याय और मुआवजा को लेकर इस वर्ष 8 जनवरी को सिंगाराम नरसंहार में न्याय की मांग को लेकर जनसभा करने हेतू प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, उक्त पीड़ित परिवार को न्याय मिले और जो इस नरसंहार में शामिल जवान है उन्हें निर्दोष आदिवासियों पर गोलीबारी कर हत्या करने पर सजा मिलनी चाहिए जिसके लिए सरकार तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें। सिंगाराम जिला सुकमा में आसपास के छोटे – छोटे गांवों से पहुंचने लगी है।
आदिवासियों की हुजूम जनसभा में शामिल होने हेतू घर से राशन लेकर पैदल पहुंच रहे है सैकड़ों लोग ।मूल बचाओ संघर्ष समिति, जिला सुकमा, ने इस जनसभा को कवरेज हेतू भेजा आमंत्रण। सिलगेर आंदोलन सहित बस्तर में लगातार आदिवासी समुदाय कर रहे है पुलिस कैंप खोले जाने का विरोध, तो वहीं सरकार नक्सलियों के गढ़ में आम जनता के मध्य संबंध अच्छा होने की लगातार दे रही है संदेश, जिला सुकमा प्रदेश के वर्तमान सरकार के कद्दावर नेता कवासी लखमा का गृह जिला जहाँ पर लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी है।
