आपदा में अवसर : फिर एक बार गुड़ाखु की ब्लैक मार्केटिंग का खेल शुरू

किरीट ठक्कर, गरियाबंद। कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। दो दिन पहले ही जिले में धारा 144 भी लागू हो गई है। इसी बीच लॉक डाउन की आशंका भी गहराने लगी है लोगो को लगने लगा है कि इस बार भी लोकडॉउन लगेगा।पिछली बार की सख्ती झेल चुके लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही है, और ऐसे में संभावित आपदा को अवसर में बदलने का खेल भी शुरू हो गया है। कुछ कारोबारी जरूरी जिंसों में कृत्रिम कमी दिखाकर इनके मूल्यों में दो से चार गुना वृद्धि कर रहे हैं।

नगर में गुड़ाखु की कलाबाजारी शुरू

आम तौर पर खुले बाजार में तंबाकू से निर्मित गुड़ाखु , बीड़ी , सिगरेट जैसी नशीली वस्तुओं की शार्टेज बताकर, ब्लैक मार्केटिंग का खेल शुरू हो गया है। इन वस्तुओं के दामों में वृद्धि कर कुछ व्यापारी दोनों हाथों से फायदा बटोरने के फ़िराक में है। नगर में गुड़ाखु की कलाबाजारी शुरू हो गयी है।

आपदा में अवसर 

प्राप्त जानकारी के अनुसार सामान्य दिनों में 190 रुपये की दर पर बिकने वाले गुड़ाखु के एक पैकेट के दाम अब 230 रुपये हो गये है । नाम न छापने की शर्त पर आज कुछ खुदरा विक्रेताओं ने इसका खुलासा किया है। पिछली बार 150 के पैकेट का 190 रुपये से ब्लैक बाजार शुरू हुआ था, जो कि कारोबारियों की इस करतूत की अनदेखी करने के कारण प्रति पैकेट 2400 रुपये तक पहुँच गया था।

फिर एक बार गुड़ाखु की ब्लैक मार्केटिंग का खेल शुरू

गुड़ाखु, बीड़ी, सिगरेट, जर्दायुक्त गुटखा जैसी नशीली वस्तुओं के सेवन के आदि हो चुके लोगों को अब डर है कि उन्हें अपने इस शौक को पूरा करने की, भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। लोगों का ऐसा मानना है कि आपदा को अवसर बनाने वालों पर कार्यवाही शुरू से होनी चाहिए। जिससे वस्तुओं की कालाबाजारी पर रोक लग सके। इस मामले में एडीएम जे आर चौरसिया का कहना है कि अब तक ऐसी कोई लिखित जानकारी प्राप्त नही हुई है,आपके माध्यम से पता चल रहा है,जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

whatsapp group

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *