गरियाबंद (hct)। धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अपमान की एल्डरमैन मुकेश रामटेके व सुशील सोनी बाबा ने निंदा की है। मुकेश रामटेके ने कहा कि मुझे अत्यंत दुख हुआ है। पूरे भारतवर्ष में संत पूजनीय है सभी का आदर सम्मान है संत गुरु है ज्ञानदाता है संत भारतीय परंपरा इतिहास के मूल प्रतीक है, इसके बाद भी संत कालीचरण द्वारा धर्म संसद में देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध अपमानजनक शब्दों से सभी की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलते हुये अनेक महत्वपूर्ण आंदोलन किये। अस्पृश्यता छुआछूत के खिलाफ उनके संदेश को पूरे देश ने माना। देश की आजादी के लिये संघर्षरत मोहनदास करमचंद गांधी , मानवीय मूल्यों संवेदनाओं और समूचे भारतीय समाज के उत्थान के लिये भी प्रयत्नशील रहे।
महात्मा गांधी को देश ही नहीं आज पूरा विश्व शांतिदूत के नाम से संबोधित करता है। ऐसे महापुरुष को संत कालीचरण द्वारा धर्म संसद में अपशब्द कहना निंदनीय है यह अपमान राष्ट्रपिता का ही नहीं पूरे देश का अपमान है। धर्म संसद में हुये एक संत के द्वारा आपत्तीजनक शब्दों से संत महात्माओं का भी अपमान हुआ है इस प्रकार की बयान बाजी संतो को शोभा नहीं देता इसकी हम निंदा करते है।
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