गरियाबंद (hct)। शनिवार खनिज विभाग द्वारा श्यामनगर में अवैध रेत उत्खनन परिवहन करते तीन ट्रेक्टरों पर कार्रवाही गई। जिला खनिज अधिकारी फागुराम नागेश के अनुसार शिकायत पर कार्रवाही की गई है। श्यामनगर में अवैध रेत उत्खनन परिवहन कर रहे तीन ट्रेक्टरों को पकड़ा गया तथा उन्हें राजिम थाने के सुपुर्द किया गया है। फागुराम नागेश के अनुसार अवैध परिवहन कर रहे ट्रेक्टरों पर छत्तीसगढ़ गौण खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाही की जायेगी तथा उनसे पेनाल्टी की वसूली की जायेगी।
जिले में रेत के अवैध कारोबार का सिलसिला लगातार जारी है कार्रवाही भी की जाती है किंतु दो चार दिनों के बाद पुनः उन्ही स्थानों पर फिर से रेत का अवैध कारोबार शुरू हो जाता है। दरअसल इस तरह की कार्यवाही से असल रेत माफ़िया बच जाते हैं , मौके पर पाये गये वाहनों पर कार्यवाही किये जाने से अवैध खदानों का संचालन करने वाले रेत माफिया का कुछ नहीं बिगड़ता। वाहन मालिकों से ही जुर्माना वसूला जाता है। जबकि बगैर लीज के अवैध रूप से रेत उत्खनन करवाने वाले रसूखदार , जो प्रति ट्रेक्टर 200 रुपये से 300 रुपयों की वसूली करते हैं वो साफ बच जाते हैं।
कैसे होता है रेत खदानों का संचालन
सूत्रों की माने तो श्यामनगर में विगत काफ़ी अर्से से गांव के ही कुछ रसूखदार अवैध रेत उत्खनन करवा रहे थे , उनके द्वारा प्रति ट्रेक्टर 200 रुपये की वसूली की जा रही थी। जबकि शासन के द्वारा श्यामनगर रेत उत्खनन की लीज ही नहीं दी गई है। यहाँ कुछ स्वार्थितत्वों ने अपने स्वार्थ पूर्ति के लिये गांव समिति बना ली थी और ग्राम विकास के लिये एक मोटी रकम देने का वादा कर अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे थे। प्रति ट्रिप रेत की वसूली के लिये सामने आ जाते थे और जांच के समय या किसी पत्रकार की पड़ताल के दरम्यान गांव समिति का नाम ले लिया जाता था। विस्तृत जांच की जाये तो ये बात उजागर होगी कि इस तरह की समिति में भी इन रसूखदारों के ही चहेते , परिजन या समर्थक ही सदस्य होंगे।
कारावास और जुर्माने का है प्रावधान
बगैर लीज या लाइसेंस या परमिट के खनिजों का पूर्वेक्षण, उत्खनन या परिवहन करने वालों को अब सीधे जेल भेजने का प्रावधान है । साथ ही उन्हें भारी-भरकम जुर्माना भी देना पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने खनिजों के अवैध उत्खनन व परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन अधिनियम 1957 के प्रावधानों में संशोधन करते हुए ऐसे उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ करावास की सजा और जुर्माना की राशि बढ़ाई है।)

खनिज अधिकारी
नए प्रावधान छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में जनवरी 2015 से प्रभावशील हैं। किन्तु इस बारे में खनिज अधिकारी फागुराम नागेश कहते हैं कि जांच के दरमियान यदि किसी का बयान आता है कि फलां व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह अवैध रेत उत्खनन को बढ़ावा दे रहा था या बगैर लीज खदानों से गौण खनिज की वसूली कर रहा था तभी हम उसके विरुद्ध कार्रवाही कर सकते हैं। जबकि आम तौर पर ऐसा होता नही, गांव में कोई खुलकर सामने नही आता।
श्यामनगर में भी ऐसा ही हो रहा है सभी जानते हैं कि रेत के अवैध कारोबार में गांव समिति के नाम से कौन सक्रिय हैं किंतु ये चर्चा दबी जुबान में ही कि जाती है खुलकर कोई सामने नही आता। शनिवार जिला खनिज विभाग की कार्रवाही के बाद अब देखना ये होगा कि रेत उत्खनन का ये अवैध कारोबार कहीं फिर से तो नही प्रारम्भ किया जा रहा।
