जिला में सक्रिय है लकड़ी तस्करों का जाल, बेशकीमती वृक्षों की तस्करी !

बालोद (hct)। जिला के वन अमला ने पिछले दिनों बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है, आज से तीन दिन पहले जिला के वन अमला के टीम ने बालोद जिला के मालीघोरी स्थित तिगाला आरामिल का औचक निरीक्षण किया और उक्त आरामिल से सागौन की बहुत सारी किमती लकड़ी जप्त किया। दरअसल यह किमती सागौन की लकड़ी राजनांदगांव जिला के मोहला से ट्रक में भर कर मालीघोरी पहुंचाया गया था।

मुखबिर से सूचना प्राप्त होने पर वन विभाग डौंडीलोहारा के द्वारा टिम गठित कर कार्यवाही की गई है। जप्त सागौन की मात्रा 3.722 घन मीटर बताई गई है। बड़ी बात यह कि, जिला के उक्त आरामिल में इस तरह गैर-कानूनी कार्य की पहले भी कई दफा खबर लोगों के मुंह से सुनने को मिलती है तो वहीं पानाबरस मोहला से मालीघोरी के मध्य कई वनोपज जांच नाका मौजूद है। ऐसे में सागौन से भरी हुई ट्रक जंगली से निकल कर शहरी क्षेत्रों में खुलेआम पहुंच रही है, यह चिंता का विषय है।

पर्यावरण संरक्षण के नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार को कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था, लेकिन जिला के आरामिलो में लगातार हरे वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, हाईवे क्राइम टाइम ने पहले कई बार हरे वृक्षों व सागौन की अवैध कटाई से संबंधित खबर प्रकाशित कर जिला के वन अमला को सचेत करने का प्रयास किया है।

आखिर किसका हाथ ?

जिला के डौंडी ब्लाक स्थित ग्राम पंचायत कांड़े में निवासरत एक दंबगदार कांग्रेसी नेता ने पिछले साल गलत तरीके से सागौन को कांट दिया था जिसके संबंध में संबंधित विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं किया जबकि विभाग को जंगल की सुरक्षा जिम्मेदारी हेतू तमगा हासिल है।

वन विभाग बालोद के ज्यादातर जांचनाक में बैठने वाले चौकीदार नशे में टुन रहते है जिसकी बानगी सोमवार को कंकालिन स्थित बैरियर में आने – जाने वाले लोग देख चुके है तो वहीं मरकाटोला जांच नाका check post से संबंधित नशे में टुन्न वन अमला की करतूत जग जाहिर है। शराब के नशे में जंगल की रक्षा मुश्किल कार्य के दौरान शराब का सेवन ना करें वनकर्मी तो बड़े – बड़े तस्करों को दबोचने में कामयाबी मिल सकती है।

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