“गरीबों के आशियाने पर डाका” पर शोर- शराबे के बीच विस के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन ठप्प।

रायपुर (hct)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन का प्रश्नकाल एक ही प्रश्न पर अटका रह गया और शोर शराबा की भेंट चढ़ गई। प्रधानमंत्री आवास योजना के सवाल पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ, भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य वापस लेने की परिस्थिति पर सवाल उठाए सभी विपक्षी विधायकों ने छत्तीसगढ़ सरकार को गरीबों का हक मारने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में जमकर हंगामा किया।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित 11 भाजपा विधायक निलंबित

हंगामा इतना बढ़ा कि भाजपा विधायकों ने गर्भगृह (वेल) में उतरकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित 11 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया सभी भाजपा विधायकों ने छत्तीसगढ़ सरकार पर गरीबों को घर से वंचित रखने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार पर गरीबों का छत छीनने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में उतर गए। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तय प्रक्रिया के तहत सभी को निलंबित घोषित कर दिया। उसके साथ सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

कर्ज में डूबी सरकार कर रही नित नई घोषणाओं की बौछार

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, साल 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य तय किया था, इस लक्ष्य को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। 2019-20 के लक्ष्य में भी 300 करोड़ से अधिक का केंद्रांश बकाया है। वहीं राज्यांश के 700 करोड़ के लिए सरकार लोन लेने की कोशिश कर रही है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरकार में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार योजनाओं की कृयानवन हेतू विगत तीन साल में राज्य की आय से अधिक कर्ज ले चुकी है। हालांकि इस जवाब के बाद भाजपा विधायकों ने हंगामा कर दिया।

अजय चंद्राकर सहित कई भाजपा विधायकों ने इस जवाब पर आपत्ति की। उनका कहना था, सरकार रोज नई-नई घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन गरीबों का घर बनाने के लिए उसके पास पैसा नहीं है। जवाब में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, केंद्र सरकार हमारे जायज हक का 20 हजार करोड़ रुपए जारी कर देती तो ऐसी नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा, लोन लेने की भी अपनी एक सीमा है। उसको पार नहीं किया जा सकता। संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

सरकार से पूछे तीखे सवाल, जवाब भी मिला आक्रामक 

विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार से फंड नहीं मिलने पर राज्य सरकार उसकी सभी योजनाओं को वापस कर देगी। चंद्राकर का कहना था कि देश भर में ऐसा पहली बार हो रहा है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और विधायक मोहन मरकाम ने इसका आक्रामक जवाब दिया। उनका कहना था, भाजपा विधायक को यह सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहिए। मंत्री रविंद्र चौबे ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है।

बसपा विधायक ने पूछा, इसमें गरीबों की क्या गलती ?

बहुजन समाज पार्टी के विधायक केशव चंद्रा ने कहा, जनता को इससे क्या मतलब कि पैसा कौन देगा। केंद्र सरकार देगी कि राज्य सरकार देगी। या फिर दोनों मिलकर देंगे। उनका घर बनना है। फंड की कमी के नाम पर उनका घर नहीं बन रहा है। जिन लोगों ने कर्ज लेकर घर बनवा लिया उनको बकाया किश्त नहीं मिल रही है। इसमें उनकी क्या गलती है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार से फंड की व्यवस्था करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और उसे वह पूरा करना चाहिए।

अगले साल से 14 दिसंबर को विधानसभा में छुट्‌टी।

दूसरे दिन का कामकाज शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, 14 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा की विधिवत स्थापना हुई थी। दूसरे राज्यों में स्थापना दिवस पर अवकाश और उत्सव आदि का प्रावधान है। इस साल तो नहीं हो पाया। अगले साल से 14 दिसंबर को विधानसभा सचिवालय में अवकाश घोषित किया जाता है। दूसरे कार्यक्रमों के लिए चर्चा कर तय किया जाएगा।

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