अवैध शराब माफियाओं को संरक्षण या संवर्धन ?

डोंगरगढ़ (राजनांदगांव) hct desk। जिला में पुलिस महानिरीक्षक ओ पी पाल दुर्ग रेंज के निर्देशानुसार अवैध शराब बिक्री के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत मुखबीर की सूचना पर अगासू पारधी एवं मनोज पारधी बोइरडीह निवासी को मोटरसाइकिल होण्डा साइन CG 12 BA-3266 से सोमनी की ओर से ग्राम परेवाडीह श्मशान घाट रोड के पास नाके बंदी कर भारी मात्रा में शराब के साथ दबोचा गया। उनके कब्जे से 60 पौव्वा देशी, 60 पौव्वा गोवा स्पेशल अंग्रेजी जिसकी कीमत लगभग 12000 रुपये आंकी गई जप्त किया गया है। आरोपियों के विरुद्ध आबकारी एक्ट की धारा 34/2 के तहत कार्यवाही कर न्यायालय पेश करके ज्युडिशियल रिमांड में लिया गया है। इस अवैध शराब के आरोपियों को पकड़ने और कार्यवाही में चौकी प्रभारी एवं उसके स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा है।

वहीं दूसरी ओर दो दिन पहले ही धर्म नगरी, डोंगरगढ़ में भी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस थाना क्षेत्र डोंगरगढ़ एवं पुलिस थाना बोरतलाव क्षेत्र के अन्तर्गत अलग – अलग स्थानों में बहुतयात मात्रा में मध्यप्रदेश निर्मित गोआ शराब की तस्करी लाखो में की जा रही थी जिसे दोनों थाना प्रभारी ने अपने सूझ बूझ से कहे या मुखबिर की सूचना पर इन तस्करों को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की, पकडे गए शराब की कीमत पन्द्रह लाख से उपर जुमले सहित बताया गया।

शराब पर सवाल और मंत्री जी की श्रवणशक्ति सुन्न !

सोचने वाली बात यह भी सामने आती हैं कि क्या इस अवैध वसूली में इनके अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों का भी शेयर होता होगा यदि इस बात को झुठलाने का मन भी तो नहीं करता क्योंकि खुद मंत्री जी से जब इस बाबत मीडिया ने सवाल किया तब उनकी श्रवणशक्ति सुन्न हो गई थी ! आप भी देख लीजिए मौके पर जब राजनांदगांव जिला के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत को डोंगरगढ़ में मीडिया के द्वारा शराब को लेकर किये गए सवाल का जवाब क्या था…

कहीं आबकारी और पुलिस का संरक्षण तो नहीं

एक कहावत है “दिया तले अंधेरा” जिसे नकारा नहीं जा सकता। यह सर्वविदित है कि, “बोरतलाव थाना और आबकारी चेक पोस्ट” से होकर बोरतलाव देशी शराब दुकान से ही शराब के युवा कोचियाओं द्वारा शासन – प्रशासन की नाक के नीचे आँख में धूल झोंककर रोजाना एक ट्रिप में कम से कम 4 और ज्यादा से ज्यादा 8 से 10 पेटी शराब बोरतलाव – कटली – मुढ़ीपार से शहर के बीचों – बीच; गली मोहल्लों में पहुचाई जा रही है !

चूँकि; अगर कहीं पर आग लगी है तो धुंआ उठना स्वाभाविक है…,यहाँ यह बताना लाज़मी है कि; उक्त कृत्य बगैर आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन के संरक्षण, इतने बड़े दुस्साहस के कार्य को अन्जाम दे पाना सम्भव नहीं।

आखिर क्यों लग जाती है हाथों में बेड़ियाँ ?

सूत्रों की माने तो यह बात भी सामने आई है कि, धर्म नगरी के आस पास के जितने भी एरिया चौक चौराहों गांवों में अवैध शराब बेचने वाले कोचियों से माह-वार 10 से 15 हजार थाना प्रभारियों के बंधे हुए हैं और जो इनके माह-वार डिमांड को पूरा नही करते उन पर यदा – कदा आबकारी अधिनियम की धारा 34 /1 /2 के तहत हाथी के दाँत जैसे कार्यवाही की जाती है !

तिस पर तुर्रा यह कि खुद की पीठ में शाबाशी ठोंकने वाले थाना प्रभारियों द्वारा जारी पुलिस विज्ञप्ति को मोती समझकर प्रदत्त चाय के प्याले में बिस्किट के जोड़े का रसास्वादन करने वाले तथाकथित पत्रकार बंधुओं का महिमामंडन जिसमे लिखा होता है – श्री फलाना, श्रीमान ढेकाना दुर्ग रेंज दुर्ग, श्री अमका, श्रीमान ढमका तथा आदि – अनादि के दिशानिर्देश एवं थाना प्रभारी के द्वारा अपराधो की रोकथाम हेतु निरंतर विशेष अभियान चलाये जा रहे है, सुभानअल्लाह होता है ! क्या यही विशेष अभियान हैं जिसमे सारे अवैध कारोबारियों को संरक्षण दिया जाता हो ?

whatsapp group

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *