Froud : धोखे में हैं अकबर या जानबूझकर गांधारी की भूमिका निभा रहें !

👆🏽 Click

रायपुर (hct)। प्रदेश की राजनीति मो.अकबर कोई नया नाम नहीं हैं और ना ही कोई ‘दूध का धुला’। मोहम्मद अकबर के बारे में अगर थोड़ी विस्तार में जानकारी लेनी हो तो दिल्ली से प्रकाशित मासिक पत्रिका Click 👉🏽 बिल्ड इंडिया” फरवरी 2009 के अंक का अवलोकन किया जा सकता है; जिसमें प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार नारायण शर्मा द्वारा संकलित साक्ष्य के आधार समाचार का प्रकाशन प्रमुखता से दर्ज है, इसी पत्रिका में माननीय मंत्री जी के समधी सईद खान “ताज इंजीनियरिंग के मालिक और रासुका के आरोपी” का भी काला चिटठा उजागर हुआ है। फ़िलहाल आपके समक्ष संक्षिप्त में गौर करने वाली बात यह है कि:-

India’s most wanted डॉन दाऊद इब्राहिम गिरोह के सदस्य(यों) इस्माइल उर्फ़ सैय्यद जहूर (जहूरउद्दीन), अपराध क्रमांक 142/127/1995 धारा 41(2)/109 के आरोपी तथा मुंबई बम कांड 1992 के संदेहियों की लिस्ट में शामिल खतरनाक किस्म के अपराधी जिसका रायपुर में फुग्गा भाई, अब्दुल रहीम धांधू (पूर्व पार्षद) जिसने; जहूरउद्दीन की जमानत सारागांव की जमीन जिसका पटवारी हल्का नंबर 106 खसरा नंबर 465/2, 46613 रकबा 0.154, 0.027 जमानत दिनांक 27/06/95 को हुई थी; का तब के समय में अब्दुल सलीम, मजीद खान, शमीम, मो. अजीम भोंदू, जब्बार हाजी, अन्नू, रीसम बाबू, शेख बाबू, रफीक बाबू, बूचा, मिश्री खान, भक्कू, लल्लू ठेलेवाले, मो. यासीन, गाजी, बब्बू आदि के अलावा पूर्व व वर्तमान मंत्री मो. अकबर, के यहाँ आना-जाना था। इसलिए शायद इसमें कोई चौंकने और पैरों तले जमीन खिसकने वाली कोई बात नहीं कि यदि मंत्री महोदय खुद अथवा अपनी मौन स्वीकृति देकर निम्न कृत्य को अंजाम दिलवाया हो…!

मंत्री जी की कहीं मौन स्वीकृति तो नहीं ?

बहरहाल आज जो सवाल है औऱ आरोप है, वो बेहद गम्भीर है, उसमें भूपेश सरकार या कोई भी यह बताए कि, क्या कोई भी आम नागरिक, किसी विधायक या मंत्री के घर, आफिस का पता अपने लेटर हैड पर टंकित / अंकित कर सकता है ? क्या कोई भी; विधायक अथवा मंत्री यह जानते हुए भी कि उसके आफिस का फ़ोन नंबर और पता कोई दीगर व्यक्ति अथवा संस्था अपने लेटर हेड पर उपयोग कर रहा है ! और उसके बाद भी वो विधायक/मंत्री चुप्पी साधकर मौन धारण कर ले तो उसका अर्थ क्या समझा जाये ? इसे विधायक जी की मौन सहमति ही माना जाएगा ना ?

दरअसल वार्ड क्रमांक 07, भिलाई (छत्तीसगढ़) के निवासी, मो.कासिफ के साथ कांग्रेस पार्टी के शादाब एल्डरमेन और उसके पिता मो. इशराफिल ने धोखाधड़ी करके, जालसाजी की है; जिसकी शिकायत पीड़ित के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष के साथ दुर्ग पुलिस अधीक्षक से की गई है। पीड़ित ने आम आदमी पार्टी से मदद की गुहार लगाई थी और यह बताया गया कि, पिछले 3 वर्षों से पीड़ित पक्ष ने पुलिस के हर महकमे में शिकायत की थी, लेकिन कोई हल नही निकला। इसी विषय को लेकर आज आम आदमी पार्टी, छत्तीसगढ़ ने दुर्ग में प्रेस वार्ता ली।

“महानदी मिनरल्स” के लेटर हेड में मंत्री का पता और रजिस्टर्ड फोन नम्बर !

आरोपियों ने पीड़ित से खदान के काम से चेक के माध्यम से 7,40,000 ले लिए, उसके बाद खदान में हाइवा गाड़ी लगवाया। पीड़ित ने अपने नाम पर गाड़ी फाइनांस कराकर गाड़ी दी और एग्रीमेंट किया, जो कि एग्रीमेंट “महानदी मिनरल्स” के नाम से हुआ था, पर यह कम्पनी सिर्फ कागजों में थी, कम्पनी का पता, विधायक मो.अकबर जो कि छत्तीसगढ़ शासन में विधि, वन एवं परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग की कमान संभाले हुए हैं; के रायपुर स्थित बबला कम्पलेक्स का है। संस्था / फर्म (कंपनी), महानदी मिनरल्स के लेटर हेड में फोन नम्बर तथा पता, विधायक/मंत्री मो.अकबर के नाम पर रजिस्टर्ड है। इसलिए और पुलिस ने कार्यवाही करने की हिम्मत नही की और 14 माह तक गाड़ी किस खदान में चली है, इसकी जांच भी लंबित (नही हुई) है। कम्पनी का रजिस्ट्रेशन है या नही, इसकी भी बैंक अकाउंट की जांच तक नही हुई।

आरोपियों को पुलिस ने बचाने का कोई प्रयास नही छोड़ा !

चूँकि माननीय वर्तमान में सत्तारूढ़ पार्टी में वन एवं परिवहन विभाग की जिम्मेदारी पूर्णतः ईमानदारी से निभा रहे हैं और उनके नाम का खौफ इतना हैं कि किसी खाकी वालों से छिपा नहीं है ऐसी विषम परिस्थिति में आखिर कौन सिंघम अपने आप को बलि का बकरा साबित करेगा ? और वह कौन सी खदान थी जिसमें उस पीड़ित की गाड़ी लगी थी यह पुलिस के लिए ये जांच का विषय नही बल्कि सिरदर्द का विषय है।

आम आदमी पार्टी, (छत्तीसगढ़) पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक पीड़ित को न्याय नही मिलता हम प्रयासरत रहेंगे, आंदोलन करेंगे।
प्रियंका शुक्ला, अधिवक्ता
(प्रदेश प्रवक्ता) आम आदमी पार्टी, छत्तीसगढ़
मो – 8871067410
whatsapp group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *