KORIYA BREAKING : *प्रदेश भर में मदिरा प्रेमियों उमड़ा सैलाब, *लॉक डाउन में चोरों का आया राज, *मनरेगा में सोशल डिस्टेंस की अनदेखी !
*दीपेंद्र शर्मा।
लॉक डाउन में सरकार के शराब बेचने के फैसले को लेकर कोरिया जिला मुख्यालय स्थित शराब दुकान मे सुबह से ही लंबी लाइनें देखने को मिली, जबकि चरचा में भीड़ को संभालने पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। दूसरी ओर 40 दिन के बाद खुली शराब की दुकानों में कुछ ही ब्रांड उपलब्ध होने के कारण लोग थोड़े निराश दिखे। बावजूद इसके महंगी शराब के खरीददारों की कमी नहीं देखी गयी।
देखिए वीडियो :
सरकारी शराब की बिक्री शुरू करने को लेकर बीते दिनों सोशल मीडिया में कई चुटकुले तैर रहे है तो कई इसकी इस समय बिक्री को लेकर सरकार पर सवाल खडे़ कर रहे है। दूसरी ओर 4 मई को सरकारी शराब दुकान खुलने से पहले लोगों की लंबी लाइनें देखी गयी। शराब दुकान के सामने आने और जाने के लिए सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए निशान बना दिए गए थे, जिसे पर खडे़ होकर शराब के शौकिनों ने जमकर शराब खरीदी।
दूसरी ओर, चरचा में सुबह 6 बजे से ही शराब दुकान पर काफी भीड़ हो गयी, जिसे देखते हुए पुलिस को वहां मोर्चा संभालना पड़ा। इधर, बैकुंठपुर में सुबह से शराब लेने पहुंचे शौकिनों ने मास्क लगा रखा था। मीडिया को देख कुछ लोगों ने अपने को पूरी तरह से ढंक लिया। वहीं, बैकुंठपुर की दुकान को खुलने में आधे घंटे की देरी देखी गयी। जिसके कारण एक-एक कर शराब की बिक्री शुरू हुई।
कम ब्रांड और कम स्टॉक
सरकारी शराब दुकान में पहुंचे शराब के शौकिनों की माने तो दुकान में बेलेन्डर प्राइड, रॉयल चैलेज के साथ कई तरह के बीयर का आभाव है। इसके अलावा जो ब्रांड उपलब्ध है वो काफी महंगे है। बावजूद इसके लोग एक साथ कई कई बोतलें शराब खरीद रहे है। यही कारण है कि लाइन में लगे लोगों का शराब लेने के लिए काफी समय लाइन में बिताना पड़ रहा है।
बढ़ गए दाम
सरकारी शराब दुकान में देसी और विदेशी दोनों में सरकार ने दाम बढ़ा दिए है। शराबियों की ज्यादा रुचि विदेशी मदिरा में देखी जा रही है। इसमें हर ब्रांड में 25 से 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, देसी मदिरा पर पौवा में 20 से 50 रुपये की वृद्धि हुई है। दाम की बढ़ोतरी को लेकर ग्राहकों में किसी भी तरह की नाराजगी नहीं देखी जा रही है। शराब के शौकिनों का कहना है कि शराब पीने के लिए दाम मायने नहीं रखता है।
चखना दुकानों पर छाई वीरानी
सरकारी शराब दुकानों के आसपास चखने की दुकाने विरान पड़ी है। शराब के शौकिन शराब लेकर जाते दिखे, तो चखना के लिए उन्होंने अपने घर को ही बेहतर ऑपशन चुना है। नियमों के मुताबिक इन दुकानों को सरकार ने खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की है। वहीं, दुकान के आसपास के खुले मैदानों मे काफी संख्या में खाली बोतलों के ढेर लगे हुए है। इसके अलावा टूटी बोतलों के ढेर हर कही दूर-दूर तक बिखरे पड़े थे।
एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी
कोविड 19 के सक्रमण और उसके रोकथाम के लिए पूरे देश में लाक डाउन नियम का पालन किया जा रहा है इस दौरान लाक़ डाउन का परिपालन कराने के लिए चिरमिरी पुलिस के सामने एक बड़ा रोचक तथ्य प्रकाश में आया है जिसमें तथाकथित व्यापारी राजनीतिक संरक्षण में किस प्रकार मनमानी करने में आमादा है इसका उदाहरण बीते दिवस हल्दीबाड़ी के सांडा कंपलेक्स स्थित स्लोका ट्रेडर्स के युवा व्यापारी सारे नियमों को ताक में रखकर बड़े दिलेरी से अपनी कपड़ा दुकाने खोलता रहा है जिसकी शिकायत कई बार थाने सहित नगर प्रशासन उसे मौखिक की जाती रही है किंतु यह व्यापारी हर बार किसी न किसी माध्यम से स्थानीय प्रशासन को चकमा देकर बचता रहा है। ऐसे ही बीते शुक्रवार को शाम को दुकान खोलकर कपड़े का विक्रय कर रहा था तभी पुलिस पहुंच गई।
जब सारा शहर लाक डाउन के दौरान पूरे सन्नाटे में था तब उक्त व्यापारी बड़ी दिलेरी से अपनी दुकान खोल ने का दुस्साहस ही नहीं बल्कि मोबाइल माध्यम से बुलाए गए ग्राहको को कपड़े बेच रहा था चूँकि लाक डाउन के दौरान इस व्यापारी ने कई बार पुलिस और स्थानीय प्रशासन को चकमा देकर और भविष्य में ऐसी गलती ना करने की बात कहकर बचता रहा उस दिन उसे दुकान में कपड़ा बेचते देख चिरमिरी नगर निरीक्षक एवं तहसीलदार मौके पर पहुंचकर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई करने की गरज से मौके पर लिखा पढ़ी कर पंचनामा तैयार कर ही रहे थे उस दौरान यह व्यापारी कई बार अपना आपा खोता रहा है मौके पर कारवाही कर रहे अधिकारी और पुलिस के जवानों से हूज्जत करता था तो कभी गिड़गिड़ाता था।
इसी बीच किसी राजनीतिक प्रभावशाली व्यक्ति के फोन आ जाने से पुलिस कारवाही नहीं कर सकी बताया जाता है कि घंटों परेशान रहकर पुलिस मात्र ₹ 200 का चालान कर मौके पर माफी नामा बनाकर पूरे मामले को गुड़ गोबर करना पड़ा,जिसको लेकर स्थानीय व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है नाम ना छापने की शर्त पर व्यापारियों ने कहा कि हम सब व्यापारी सरकारी नियमों का पालन कर रहे हैं पर यह व्यापारी अपनी राजनीतिक धोस बताकर पूरे लाक डॉन के दौरान अपना धंधा चलाता रहा है बताया जाता है कि यह व्यापारी अक्सर विवादों में रहता है कई बार उपभोक्ताओं से इसके बीच बिल को लेकर विवाद हो चुके हैं।
मनरेगा में सोशल डिस्टेंस की अनदेखी
खड़गवा के पोडीडीह पंचायत में हो रहे मनरेगा के काम में सोशल डिस्टेंस का किया गया उल्लंघन काम करते वक्त मजदूर बिना किसी मास्क के तथा बिना दूरी बनाए काम कर रहे हैं
पूरी तरह से सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन किया जा रहा है तथा जिस जगह में काम किया जा रहा है उस जगह में सैनिटाइजर नाम का कोई चीज ही नहीं रखा गया है और जब क्राइम टाइम पत्रकार ने मुंशी रामचंद्र से बात किया तो उन्होंने सैनिटाइजर उन्हें नहीं दिया गया है केवल एक साबुन है जिससे कि वहां के लगभग 45 से 49 मजदूर एक ही साबुन से हैं और जब अनिल सिंह पोडी सरपंच से बात किया गया उन्होंने बताया की सैनिटाइजर घर पर रखा हुआ है और मुंशी रामचंद्र के ऊपर उन्होंने मड दिया, और नाही मौके पर गांव के वार्ड पंच मौजूद थे आप ही देख सकते हैं की मनरेगा के काम पर कितने लापरवाही से काम किया जा रहा है
लॉक डाउन में चोर हुए सक्रीय
पोडी। लॉक डाउन में अवैध रूप से लोहा चोरी वन विभाग से लकड़ी चोरी और अवैध रूप से रेत उत्खनन किया जा रहा है, ऐसे ही एक मामला रोजाना की तरह सामने आया है पोडी के सिद्ध बाबा पहाड़ एसईसीएल तथा वन विभाग के क्षेत्र रोजाना रेत का अवैध उत्खनन कर रेत को बेचा जा रहा है।
रोजाना रात 3:00 बजे से लेकर सुबह के 9:00 बजे तक कई ट्रैक्टर रेत ले जाए जा रहा तथा सामने ही पोडी थाना पड़ता है जबकि इस मामले में वन विभाग ने एसईसीएल को कई बार शिकायत दर्ज किया परंतु हर बार की तरह एसईसीएल चुप रहता है जैसा कि देखा जाता है जब एसईसीएल से लोहा चोरी होता है तो थाना में रिपोर्ट होता तो जरूर है परंतु एसईसीएल के अधिकारी अपने हाथ खड़ा कर देते है! वन विभाग के डिप्टी रेंजर महेंद्र राम ने बताया कि एसईसीएल से उन्हें कोई भी सहयोग नहीं मिल रहा है तथा हम कितने बार कार्यवाही करेंगे मैं गार्ड को भिजवा कर देखता हूं