पड़ताल: क्या आपदा प्रबंधन अधिनियम की वजह से आप कोरोना की ख़बरें किसी ग्रुप में नहीं डाल पाएंगे…क्या है सच जानिए??
HCT:रायपुर।सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी में यह मैसेज बडी ही तेजी से वायरल हो रहा है।लॉक डाउन चल रहा है।साथ ही कई तरह की अफवाहें हम आपको इन अफवाहों से बचने की सलाह देते है।तो आइए देखते है कि आखिर क्या झोल है इस मैसेज का सबसे पहले मेसेज का स्क्रीनशॉट आपके अवलोकन हेतु-
दावा
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि आज रात 12 बजे से आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू हो गया है। दावा है कि इसके तहत सरकारी विभाग के अलावा किसी को भी कोरोना वायरस से जुड़ा मैसेज करने की अनुमति नहीं होगी। इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध होगा।इस दावे को पुख़्ता साबित करने के लिए Live Law वेबसाइट का एक लिंक भी शेयर किया जा रहा है।मैसेज के आखिर में दो दिन के लिए ग्रुप बंद करने का अनुरोध भी किया जा रहा है(आर्काइव लिंक)।हम दावे में बिना कोई भाषाई सुधार या छेड़छाड़ के आपको पढ़ा रहे हैं-
प्रियजनों,
सभी के लिए जनादेश:
आज रात 12 (मध्यरात्रि) से देशभर में आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू हो गया है। इस अपडेट के अनुसार, सरकारी विभाग के अलावा किसी अन्य नागरिक को किसी भी अपडेट को पोस्ट करने या कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी खबर को साझा करने की अनुमति नहीं है और यह दंडनीय अपराध है।
ग्रुप एडमिन से अनुरोध है कि वे उपरोक्त अपडेट पोस्ट करें और समूहों को सूचित करें।
कृपया इसका सख्ती से पालन करें।
https://www.livelaw.in/top-stories/centre-seeks-sc-direction-that-no-media-should-publish-covid-19-news-without-first-ascertaining-facts-with-govt- 1546
ग्रुप एडमिन से अनुरोध है कि वह दो दिनों के लिए ग्रुप को बंद कर दे क्योंकि पुलिस एडमिन और ग्रुप मेंबर्स के खिलाफ सेक्शन 68, 140 और 188 के तहत एक्शन ले सकती है, अगर किसी ने गलती से भी कोरोना पर पोस्ट किया है। हर कोई मुश्किल में पड़ सकता है। इसलिए मैं जरूरी कदम उठाने के लिए ग्रुप एडमिन का ध्यान आकर्षित करता हूं।
पड़ताल
हमने दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला।
दरअसल बात ऐसी है कि, Live Law न्यायालय और विधि प्रक्रियाओं से जुड़ी जानकारियां देने वाली वेबसाइट है। ऐसी ही सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी एक ख़बर इस वेबसाइट ने 31 मार्च को पब्लिश की थी। इसमें बताया गया था।केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से निर्देश चाह रहा है कि कोई भी मीडिया Covid-19 ख़बर को बिना सरकार से पता लगाए न छापे।
लेकिन इस ख़बर को भ्रामक रूप से शेयर किया जा रहा है। खुद Live Law ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स पर स्पष्टिकरण दिया है।Live Law की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च को गृह सचिव अजय भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में दायर स्टेटस रिपोर्ट में कहा था।इस तरह के अप्रत्याशित हालात में जान बूझकर या अनजाने में भी, इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, डिजिटल और वेब पोर्टल्स पर फैलाई गई फेक न्यूज़ या ग़लत रिपोर्टिंग से बड़ी संख्या में आम जनता के अंदर डर फैलाने की गंभीर और अचूक क्षमता है।
अपील:-अगर आपके आस पास ऐसे ही कोई वायरल मेसेज जमकर धमाल मचा रहा है तो उसे हमे भेजे हम उसके तह तक जाएंगे एवम उसके सच या झूट होने का पता लगाएंगे।तो आइए छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से प्रकाशित वर्ष 2006 व संचालित डिजिटल मीडिया/समाचार पत्र के मुहिम से जुड़िये और वायरल मेसेज को कहिए नो फेक न्यूज़
इस संक्रामक रोग में अगर ग़लत रिपोर्टिंग के आधार पर समाज में डर फैलता है तो ये सिर्फ इस हालात के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए ख़तरनाक़ है। इसलिए कोर्ट निर्देश जारी करे कि कोई भी मीडिया संस्थान बिना सरकार से तथ्यात्मक जानकारी सरकार से लिए बिना Covid-19 के बारे में कुछ नहीं छापेगा।31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे और एल. नागेश्वर राव की बेंच ने निर्देश पास किया। कहा-
महामारी के बारे में हो रही स्वतंत्र चर्चा में रोक-टोक करने का हमारा इरादा नहीं है। लेकिन मीडिया को इस मामले में जानकारी का आधिकारिक संदर्भ और संस्करण छापने का निर्देश देते हैं।
इस पूरे मामले में आपदा प्रबंधन अधिनियम की कोई बात नहीं हुई। लाइव लॉ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उनकी इस रिपोर्ट को संदर्भ से अलग छापकर भ्रामक मैसेज के साथ वायरल किया गया है, जो ग़लत है। इसे शेयर न करें।
सरकार की ओर से भी आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू कर कोरोना वायरल से जुड़े संदेशों पर रोक लगाने के दावे को झूठा बताया गया है।
https://chat.whatsapp.com/LlQ2AGOSfSQI90mtErEfLQ
निष्कर्ष
कुल मिलाकर यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि लाइव लॉ ने कुछ और कहा लेकिन कुछ विद्वान लोगो के द्वारा कुछ और ही जानकारी लोगो को दे दी गई।हाईवे क्राइम टाइम ने फैक्ट चेक में इसे पूरी तरह भ्रामक होना पाया है तथा आप सभी से अनुरोध करता है कि ऐसे वायरल व फेक मेसेज को शेयर करने से बचे एवम खुद जागरूक रहे और दूसरों को भी जागरूक करें।
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