ईट भट्ठा मालिक कर रहे हैं मजदूरों का शोषण। जिला बालोद में 03 मई तक धारा 144 प्रभावशील, गुंडरदेही खण्ड चिकित्सा अधिकारी को हटाने की मांग, मजदूर मांगे काम…
पैसों की जरूरत के कारण ईट भट्ठा मालिक कर रहे हैं मजदूरों का शोषण
बालोद। खनिज विभाग और राजस्व विभाग के अनदेखी कर लाकडाऊन के दौरान ईट्ट भट्टा ठेकेदार इन दिनों मजदुरो से ले रहे हैं तगड़ा काम पैसे के अभाव में मजदुरो की हालत पतली होते देख गुरूर क्षेत्र के ईंट भट्टा संचालक ठेकेदार कर रहे हैं मजदुरो का शोषण जंहा कार्य स्थल पर सोसल डिस्टेंसन और सरकार की नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए उनसे कम मजदुरी में मनमाफिक कार्य लिए जा रहे हैं।
श्रम विभाग के अधिकारी से लेकर खनिज विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों का हर साल ईंट भट्टों पर आना होता है लेकिन ठेकेदारों से मिलकर सभी रफ्फु चक्कर हो जाते हैं ईट्ट भट्टो पर कार्यरत मजदूरों के लिए सरकार की अनेक योजनाये है जिनके बारे में इन्हे किसी भी प्रकार के कोई जानकारी नहीं है और हो भी कैसी सकती है कभी इन्हे योजना का लाभ मिला होता तो जरूर इन्हे पता होता लेकिन सरकार और प्रशासन ने इन मजदूरों के लिए योजना बनाकर उसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराये जाने के लिए जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है यदि वह अपनी जिम्मेदारी निभाते तो बढ़िया होता बालोद जिला में सैकड़ों ईट्ट भट्टा संचालित है जहाँ पर हजारों मजदूर कार्यरत रहते हैं लेकिन शायद ही ऐसा कोई मजदूर होगा जिन्हें आज तक किसी ने तुमने खाना खाया है कह कर नहीं पूछा है, देश के प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री गरीबों की सहायता सक्षम व्यक्तियो से करने की अपील की है।
छत्तीसगढ़ जिला बालोद में 03 मई तक धारा 144 प्रभावशील कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आदेश।
15 अप्रैल 2020 कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रानू साहू ने आदेश जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संकमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु पूर्व में जारी कार्यालयीन आदेश द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पारित कर संपूर्ण जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144 लागू की गई थी। जिसे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए 03 मई 2020 तक बढाई गयी है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्य परिलक्षित है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संपर्क से पीडि़त, संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत है। छ.ग. शासन के द्वारा भी यह निर्देशित किया गया है कि इससे बचने के संभावित उपाय अमल में लाया जाए। यही कारण है कि कोविड-19 के संभाव्य प्रसार को देखते हुए इसके प्रसार को रोकने के लिए ना सिर्फ राज्य में बल्कि पूरे देश में कड़े सामाजिक अलगाव के उपयोग को अपनाया जा रहा है।
बालोद जिला स्वास्थ्य बहुद्देशीय कर्मचारी संघ बालोद ने गुंडरदेही खण्ड चिकित्सा अधिकारी को हटाने की मांग जिला कलेक्टर से की है। कर्मचारियो से अभद्र व्यवहार व इस कोरोना महामारी के संकट में भी कार्य मे लापरवाही बरतने का आरोप संघ ने लगाया है । जिलाध्यक्ष घनश्याम पूरी के हस्ताक्षर से निकले पत्र में और कई गम्भीर आरोप गुंडरदेही बीएमओ रेणुका प्रसन्नो के ऊपर लगाए गए है।ज्ञात हो की हाईवे क्राइम टाइम ने बालोद स्वास्थ विभाग से संबंधित कई खबर पिछले दिनों चलाई है लेकिन कारवाही के नाम बालोद जिला प्रशासन ने महज खानापूर्ति की है ।गुरूर स्वास्थ विभाग के वाहन लाग बुक में बहुत सारी अनियमितता की जानकारी मिली है गुरूर उप स्वास्थ्य केन्द्र के चित्किसा अधिकारी लगभग दस से बारह साल तक एक ही जगह पर कार्यरत हैं ।
जारी आदेश में कहा गया है कि संक्रमण से बचाव हेतु जिला बालोद में स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए यह उचित प्रतीत होता है कि बालोद जिले में पूर्व में जारी कार्यालयीन आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत लागू की गई धारा 144 की समय सीमा में वृद्धि की जाए। यहां यह भी तथ्य ध्यान में रखने योग्य है कि इस आपात स्थिति में व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है कि बालोद जिले में निवासरत सभी नागरिकों को नोटिस तामिली करवाई जा सकें। अतः एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 के अंतर्गत बालोद जिले में पूर्व से लागू धारा 144 की समय-सीमा में वृद्धि करना उचित है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रानू साहू द्वारा कोरोना वायरस (COVID19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु कार्यालयीन आदेश द्वारा संपूर्ण बालोद जिले में दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 के अंतर्गत लागू की गई धारा 144 की समय-सीमा में वृद्धि करते हुए दिनांक 03 मई 2020 तक लागू किए जाने आदेश पारित की गई है। आदेश की शेष शर्ते यथावत रहेंगी। महामारी रोग अधिनियम 1897 तथा इसके संदर्भ में शासन द्वारा जारी आदेशों के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पूर्व में जारी कार्यालयीन आदेशों द्वारा कार्यालय, प्रतिष्ठान, सेवाओं इत्यादि को दी गई छूट इस आदेश में भी यथावत् रहेगी। यह आदेश बालोद जिले की संपूर्ण सीमाक्षेत्र के लिए 03 मई 2020 या आगामी आदेश, जो पहले आये तक प्रभावशील होगा। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर विधि के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मजदूर मांगे काम : स्थानीय बेरोजगारो को काम दिलाने भूख हड़ताल में बैठेगी- शिवसेना
बालोद जिला शिवसेना उप प्रमुख संजीव वैष्णव ने कहा बीएसपी बेरोजगार युवाओं के साथ सिर्फ बयानबाजी कर रहा
ग्राम महामाया व ढुलकी माइंस में महामाया के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग को लेकर दल्लीराजहरा बीएसपी मेन गेट पर शिवसेना ने एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बीएसपी प्रबंधन के विरुद्ध शिवसैनिकों ने जमकर नारेबाजी की गई तथा भिलाई स्टील प्लांट दल्लीराजहरा के जीएम एन के मंडल को ज्ञापन सौंपकर जल्द ही महामाया के बेरोजगार युवाओं को महामाया एवं ढुलकी माइंस में काम पर रखे जाने की मांग की गई है। दिए ज्ञापन में कहा गया है कि महामाया के ग्रामीणों द्वारा कई बार बीएसपी प्रबंधन, जिला कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी को इस संदर्भ में अवगत कराकर काम दिलाने की गुहार लगा चुके है। लेकिन महामाया के मूल निवासी ग्रामीणों को सिर्फ आस्वासन ही मिलता रहा। इस समस्या का समाधान करते हुए इन्हें काम पर रखे जाने संबंधी ज्ञापन शिवसेना ने भी सौपा जिस पर कोई ठोस पहल नही होने के चलते 21 अक्टूबर 2019 को शिवसेना द्वारा धरना प्रदर्शन को बाध्य होना पड़ा है। ग्राम प्रमुख बलराम निषाद ने कहा कि अब की बार मांगो को पूरा नही किया गया तो शिवसैनिक अनिश्चित कालीन प्रदर्शन करने बाध्य रहेंगी ।
इस बाबत महामाया के बेरोजगारों की समस्याओ की निदान हेतु भिलाई स्टील प्लांट राजहरा के जीएम एन के मंडल ने शिवसेना को पंद्रह दिनों का समय देने कहा है। ताकि समय अनुसार रूपरेखा तैयार की सके ।जिस पर शिवसेना ने बीएसपी प्रबंधन को पंद्रह दिनों का अल्टीमेटम देकर धरना प्रदर्शन समाप्त किया ।
शिवसेना जिला उप प्रमुख संजीव वैष्णव ने बीएसपी प्रबंधन के ऊपर आरोप लगाया कि महामाया माइंस में स्थानीय बेरोजगारो को काम दिलाने मेनेजमेंट तकरीबन 10वर्षों से सिर्फ आश्वासन मात्र देकर सौतेला व्यवहार कर रही है । सांकेतिक धरना प्रदर्शन के उपरांत मांग पूर्ण नहीं होने पर अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल एवं आमरन अनशन के लिए शिवसैनिक बाध्य रहेंगी जिसकी सभी जिम्मेदारियाँ बीएसपी प्रबंधन की होगी । रमेश गोस्वामी सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी शिवसेना : सरकार की प्रयास होनी चाहिए की गरीब मजदूरों को किसी भी प्रकार की समस्या ना होने पाये जिसके चलते प्रदेश के गरीबों को किसी भी प्रकार के नुक़सान उठाना पड़े हम सरकार के साथ और गरीब मजदूरों के साथ अंतिम सांस तक खड़े हैं।https://chat.whatsapp.com/LQYyviBp0VDG3JjslRO4zp