क्या सफ़ेद हाथी है गरियाबंद वन मंडल और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व
गरियाबंद। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वन मंडल कार्यालय गरियाबंद अब सफ़ेद हाथी साबित हो रहा है, जानकारों की माने तो डीएफओ कार्यालय गरियाबंद में वनमंडलाधिकारी से लेकर एसडीओ, रेंजर, डिप्टी रेंजर आदि स्टाफ का एक महीने का वेतन करीब 60 लाख रुपये होता है, किन्तु अब यहां कोई कार्य नही है। बमुश्किल विकास कार्यो के लिए महीने में 6 से 7 लाख रुपये का चेक कटता है।
रायपुर के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल अग्रवाल के अनुसार वित्तीय नियमो के मुताबिक किसी भी विभाग का स्थापना खर्च 10 से 15 प्रतिशत होना चाहिए, जबकि गरियाबंद वन मंडल और सीतानदी उदंती टाईगर रिजर्व का स्थापना व्यय 200 प्रतिशत से अधिक है।
उदंती टाईगर रिजर्व के अधिकारियों कर्मचारियों का कुल मासिक वेतन व्यय लगभग 50 लाख रुपये बताया जा रहा है, जबकि महीने में यहाँ 50 लाख रुपये का कार्य नही होता, विभाग के पास सेंक्शन ही नहीं है। कई एक स्थानीय जानकर इस रिजर्व क्षेत्र में एक भी बाघ नही होने का दावा करते आ रहे हैं। अनिल अग्रवाल कहते हैं कि छत्तीसगढ़ शासन को इन्हें बंद करने का निर्णय लेना चाहिए या फिर इन्हें बंद करने पीआईएल दायर की जानी चाहिए।