रायपुर। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में देश की सबसे बेहतर कही जानेवाली खाद्य वितरण प्रणाली की जिस तरह से कांग्रेस सरकार में पोल खुल रही है, उसको देखकर लगता है कि निरंकुश अधिकारियों ने मनमर्जी चलाते हुए राज्य के कोष को खाली करने में कोई कसर नही छोड़ा।
राशन वितरण सोसायटी को बेपनाह, बिना हिसाब-किताब के जमकर राशन जारी कर कालाबाज़ारी के अवसर उपलब्ध कराए है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमानंद जांगड़े ने जब विभाग के ऑनलाइन साईड से घोषणा पत्र में राशन की कागजी बचत होने का खुलासा किया; तो अरबो रुपये की राशन घोटाले का खुलासा हुआ। उन्होंने प्रदेश की 100 राशन दुकानों में 11 करोड़ रुपये चाँवल घोटाले को उजागर किया तो, मामला आर्थिक अपराध शाखा तक पहुँच गया है।
परमानंद जांगड़े ने बताया कि उनकी शिकायत के चलते ही पूरे प्रदेश की राशन दुकानो के अक्टूबर के राशन पिछले बचे चाँवल को घटा कर देने का आदेश सरकार ने दे दिया है। उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ के 5 राशन दुकानों में उनके 1 माह से ज्यादा बचत की जानकारी शासन को दिया था।
सितंबर 2019 में इस नगरीय निकाय की शांति महिला समिति में 349 क्विन्टल, दीपशिखा महिला समिति में 219 क्विन्टल, रामा महिला समिति में 167 क्विन्टल, जागृति महिला समिति में 395 क्विन्टल औऱ माँ अम्बे महिला समिति में 465 क्विन्टल चाँवल बचा हुआ है।
परमनानंद जांगड़े ने बताया कि पूरे धर्मजयगढ़ के चाँवल कोटा 823 क्विन्टल है लेकिन 5 दुकानों में 1597 क्विन्टल चाँवल बचा है। सभी दुकानों में अगले 2 महीने का चाँवल बचा है। इसके बाद भी अगर इन दुकानों में कोटा दिया जाता है तो वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को करेंगे।