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अंडरवर्ल्ड की शहरों की ओर “उड़ता छत्तीसगढ़”…!

कुणाल शुक्ला आरटीआई एक्टिविस्ट एवं समाजसेवी

राजधानी रायपुर में रंगदारी बतलाने पर मंत्री का लड़का औऱ भतीजा बताते हुए युवकों की चार पांच दिन पहले वीआईपी रोड स्थिति एक क्लब में रात्रि देड़ बजे जम कर वेटरों ने धुनाई की ? वेटरों के साथ साथ क्लब के मालिक ने भी करछुल,बेलन,प्लेट,चम्मच जैसे घातक शस्त्रों का जम कर प्रयोग किया और युवक चीखते रहे मेरा बाप यह, मेरा चाचा यह, मेरा मामा यह ……; यह कर देंगे वह कर देंगे ?

अब क्लब संचालक पुलिस के पास इसलिए नहीं जा रहा है कि सवाल उठेगा कि उसने देर रात नशे का कारोबारी क्लब कैसे खोल कर रखा था, युवक पुलिस के पास इसलिए नहीं जा रहे हैं क्योंकि इनमें थोड़ी सी शरम हया बाकी है।

सबसे निंदनीय पहलू यह था कि नाइट क्लब में बेलन करछुल से धुनाई खाते युवक अपने रसूख के बारे में चीखते रहे पर एक निरीह श्रमजीवी पत्रकार और पहलवान गरीब किसान ने इनकी चीखें सुन कर भी इन्हें बचाने का प्रयास नहीं किया, मेरी इन दोनों से इससे भी बड़ी नाराज़गी इस बात पर है कि वीडियो क्यों नहीं बनाया ?

मंत्री का लड़का और भतीजा बतलाते यह कथित युवक दो तीन महीने पूर्व राजनांदगांव में फारेस्ट गार्डों से भी जम कर धुनाई खाये थे यह घोर निंदनीय घटना उस समय की है जब यह युवक शराब के नशे में किसी जंगल का बैरियर खुलवाने का जबरदस्ती प्रयास कर रहे थे और किसी एक फारेस्ट गार्ड को पीट दिए तब फारेस्ट गार्डों के गैंग ने इनकी जम कर ख़बर ली। इस कड़ी निंदनीय घटना की सुर्खियों कुछ समाचार पत्रों पर भी छाई थी….

यह अंडरवर्ल्ड का रायपुर है।

इसके बारे में आप या मैं कुछ अधिक नहीं जानते हैं पर जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह हमारे भविष्य यानी कि बच्चों के सवाल पर टिका हुआ है।
अंडरवर्ल्ड के रायपुर की सुबह; रात 12 बजे शुरू होती है जिसके कुछ गुप्त ठिकाने हैं। तेलीबांधा, वीआईपी रोड, नई राजधानी में खुले क्लब नाम के अड्डों के अंधेरे में शुरू होता है रात 12 बजे वाली सुबह नशे, जिस्म, तेज़ संगीत, डांस का दौर। इन नाइट क्लबों में आपको एंट्री मिलना नामुमकिन है जब तक इस क्लब का कोई पुराना ग्राहक आपको लेकर ना जाये। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 बजे की समय सीमा निर्धारित की है पर यह आदेश है जूतियों की नोक पर…
प्राचीन सुरक्षा प्रहरियों के नाम लठैत से बदल कर बाउंसर रख दिया गया है, जरा सा तीन पांच करने पर इन नाइट क्लबों से सही सलामत निकलना मुश्किल है। रायपुर का यूथ; इन नाइट क्लबों में प्रतिदिन बीस से तीस हजार फूंक देता है। हुक्का के नाम पर ड्रग्स का कारोबार धड़ल्ले से जारी है जिसे यह युवा कैमिकल ड्रग्स कहते हैं ! आप कल्पना नहीं कर सकते रायपुर में कैमिकल ड्रग्स मिलना अब कितना आसान है। यूथ जब बताता है कि इन अड्डों पर कोकीन, स्मैक, ब्राउन शुगर, गांजा सब उपलब्ध है तो आपको आश्चर्य करना जरूरी है।
शासन प्रशासन अगर कोई कार्यवाही कर दे तो इन क्लबों के संचालको से रसूख की धमकी मिलना भी अवश्यम्भावी है। सबसे सही तरीका भी खोज निकाला गया है, ग्रह मंत्री को ही संरक्षक बना दो और कारोबार खुल कर करो। अरे भई इस अवैध नशे का कारोबार ही तो इनकी रोजी-रोटी है।
नशे के हालात में जब यह युवा लोग घर नहीं जा पाते तब इधर-उधर ही बची रात काटने का जुगाड़ देखते हैं, इनमें से कई तेलीबांधा मरीन ड्राइव के पाथवे पर इधर-उधर अर्धनग्न हालात पर पड़े मिल जाते हैं ! सुबह-सुबह तेलीबांधा मरीन ड्राइव पर वॉक पर निकलता अधेड़ गैंग कई बार इन बेसुध युवाओं के चेहरे पर पानी का छींटा मारता है; और समाचार पत्रों से अर्धनग्न शरीर ढंकता है। वैसे यह एलार्म है, अगर सोती हुई दृढ राजनीतिक इच्छाशक्ति और चुस्त प्रशासन अब नहीं जागा तो हमारे प्रदेश को उड़ता पंजाब की तर्ज पर उड़ता छत्तीसगढ़ का टाइटिल बस मिलने ही वाला है…

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