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आवारा कुत्तों और मवेशियों के कारण जनता को होने वाली परेशानियों पर ध्यान दे प्रसाशन : प्रकाशपुंज पांडेय
रायपुर। छत्तीसगढ़ के समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने मीडिया के माध्यम से, रायपुर की सड़कों पर घूमने वाले बेलगाम आवारा कुत्तों और मवेशियों के कारण जनता को होने वाली परेशानियों की ओर प्रसाशन और नगर निगम के महापौर व कर्मचारियों का ध्यान आकर्षण करते हुए कहा है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर तत्काल प्रभाव से ध्यान देने की आवश्यकता है।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जगह जगह हर इलाके, प्रत्येक वार्ड और लगभग सभी रास्तों व चौराहों पर आवारा कुत्ते और मवेशी प्रायः देखे जा सकते हैं, जिनके कारण आने जाने वाले लोगों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। ये आवारा मवेशी हर रास्ते पर जगह-जगह घूमते रहते हैं या बैठे रहते हैं जिसके कारण ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बना हुआ है। यही नहीं इन इन मवेशियों द्वारा किए जाने वाले मल मूत्र के कारण फैलने वाली गंदगी भी एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण बहुत सही बीमारियाँ पैदा होती हैं खासकर मानसून के मौसम में।
आगे प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि आवारा कुत्तों के कारण भी लोगों को बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि उन्हें हटाने या दूर करने वाले लोगों पर वे हमला कर देते हैं खास कर वे छोटे-छोटे बच्चों को काट लेते हैं जिनके कारण कई बच्चों की मौतें भी हो चुकी हैं। कई बार ये आवारा कुत्ते लोगों और राहगीरों के वाहनों के सामने आ जाते हैं जिसके कारण एक्सीडेंट की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने इस विषय के दूसरे पहलू पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस प्रकार इन आवारा कुत्तों और मवेशियों के कारण जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है उसी प्रकार इन मवेशियों के सही व्यवस्थापन ना होने के कारण, इन्हें भी लोगों से अपनी जान का खतरा बना हुआ रहता है। जैसे कई बार मवेशी लोगों द्वारा फैलाए गए कचरे में से पॉलिथीन या ऐसे कोई पदार्थ खा लेते हैं जिनके कारण इनकी मौतें हो जाती हैं और ऐसे प्रकरण आए दिन हमें देखने को मिलते हैं।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि यह समस्या रायपुर के केवल चौक चौराहों और रास्तों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बहुत सी रेजिडेंशियल टाउन-शिप और आवासीय कालोनियों में भी व्याप्त है, जहाँ सुव्यवस्थित बाउंड्री वॉल और सुरक्षा ना होने के कारण बिल्डरों की लापरवाही से ऐसे आवारा कुत्ते और मवेशी अंदर प्रवेश कर जाते हैं और गंदगी फैलाते हैं। साथ में वहाँ रहने वाले बच्चों और बुजुर्गों को भी यह जानवर खतरा पहुँचाते हैं। जैसे कई बार छोटे बच्चों और बुजुर्गों को कुत्तों द्वारा काटने की ख़बरें सामने आ चुकी हैं।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि, अब सवाल यह है कि क्या नगर निगम और प्रशासन को इस गंभीर विषय पर की जानकारी नहीं है? ऐसा नहीं है, उन्हें यह अच्छी तरह पता है लेकिन उचित इच्छाशक्ति ना होने के कारण प्रशासन और निगम के अधिकारी इस विषय पर ध्यान नहीं देते। इसीलिए मैं मांग करता हूँ कि नगर निगम आने वाले चुनाव से पहले इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुए ध्यान दें और इन आवारा कुत्तों और मवेशियों को उचित जगह पर पुनर्स्थापित कर मवेशियों और जनता दोनों की ही जान की रक्षा करें।
मैं छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी यह अपील करता हूँ कि, इस गंभीर विषय पर ध्यान देते हुए वे प्रशासन को इसका निष्कर्ष निकालने के लिए निर्देशित करें।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय,
राजनीतिक विश्लेषक और समाजसेवी,
रायपुर, छत्तीसगढ़