ग्राम कनेरी में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर हुआ आयोजन।
एकात्म मानववाद के प्रणेता की विचारधारा को याद कर ग्रामवासियों ने व्यक्त किए विचार

आयोजन का विवरण
गुरुर (बालोद)। ग्राम कनेरी में एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने उनके जीवन दर्शन और विचारधारा पर प्रकाश डाला।
जनार्दन सिन्हा का उद्बोधन
श्री जनार्दन सिन्हा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय राजनीतिक चिंतन को नई दिशा दी। उनके एकात्म मानववाद के दर्शन ने आध्यात्मिक और भौतिक मूल्यों का संतुलन स्थापित किया। सामाजिक समरसता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
सरपंच दिनेश्वरी सिन्हा के विचार
ग्राम पंचायत कनेरी की सरपंच श्रीमती दिनेश्वरी पन्नालाल सिन्हा ने कहा कि उपाध्याय जी ने विकेंद्रीकृत राजनीतिक व्यवस्था और गांव आधारित आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की परिकल्पना की थी। उनका मानना था कि शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए।
उपस्थित जनप्रतिनिधि
जयंती कार्यक्रम में श्री जनार्दन सिन्हा, सरपंच श्रीमती दिनेश्वरी पन्नालाल सिन्हा, श्री विशाल सिंह बघेल पंच, श्रीमती गैदीबाई विश्वकर्मा, अन्नपूर्णा डहरे, श्री सनत ठाकुर, श्री हेमलाल ऊईके, श्री खेमलाल सिन्हा, श्री होरीलाल ठाकुर, श्री रेखराम पटेल, श्री महेशराम सिन्हा, श्री जानू राम साहू, श्री चैन सिंह सिन्हा, श्री श्यामलाल साहू, श्री गजराज यादव, श्री द्वारिका साहू, श्री जगजीवन ठाकुर, श्री रखोहरि साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

