गुरुर : धनोरा में निजी मकान पर प्रार्थना सभा विवाद, सर्व हिंदू समाज ने प्रशासन से लगाई रोक की मांग।
हर रविवार होने वाली सभा पर धर्मांतरण का आरोप, ग्रामीणों ने कहा – परंपराओं से दूर किया जा रहा है लोगों को...

गुरुर (बालोद) hct : ग्राम धनोरा में निजी मकान पर हर रविवार आयोजित होने वाली प्रार्थना सभा अब विवाद का कारण बन गई है। स्थानीय लोगों और सर्व हिंदू समाज का आरोप है कि इस सभा के बहाने लोगों को उनकी परंपराओं और रीति-रिवाजों से दूर किया जा रहा है। यही नहीं, इसे धर्मांतरण से जोड़ते हुए ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
विवाद की जड़ – निजी मकान में सभा
ग्रामीणों ने बताया कि पुराने सोसायटी के पास एक निजी मकान में “ग्रेस प्रार्थना भवन” का बोर्ड लगाया गया है। यहीं पर हर रविवार सुबह 8 बजे से 11 बजे तक सभा होती है। इसमें शामिल होने वालों से कथित तौर पर हिंदू रीति-रिवाज छोड़ने का दबाव डाला जाता है। यही बात गांव में आक्रोश और असंतोष की बड़ी वजह बन रही है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो गांव का माहौल बिगड़ सकता है।
गुंडरदेही का उदाहरण भी उठा
ग्रामीणों और संगठनों ने यह भी याद दिलाया कि हाल ही में गुंडरदेही में इसी तरह की प्रार्थना सभा संचालित हो रही थी। शिकायत मिलने पर पुलिस ने वहां तुरंत कार्रवाई की और सभा बंद कराई। धनोरा के लोग अब वैसी ही सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ धार्मिक सभा का मामला नहीं बल्कि सामाजिक संतुलन का सवाल है।
सर्व हिंदू समाज का रुख
सर्व हिंदू समाज ने इस मामले को लेकर स्पष्ट कहा कि ऐसी सभाएं न केवल परंपराओं पर चोट करती हैं, बल्कि गांव की शांति और सौहार्द भी बिगाड़ती हैं। संगठन के नेताओं का कहना है कि संविधान ने हर नागरिक को अपनी इच्छा से धर्म मानने का अधिकार दिया है, लेकिन किसी को भी दूसरों को प्रभावित करने और परंपराओं से विमुख करने का अधिकार नहीं है। यही कारण है कि उन्होंने धनोरा में चल रही प्रार्थना सभा को अवैध बताते हुए तत्काल रोक की मांग की है।
ज्ञापन सौंपा, जिम्मेदारी तय करने की मांग
बड़ी संख्या में ग्रामीण, सर्व हिंदू समाज और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोग गुरुर के अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सोनकर के कार्यालय पहुंचे। यहां पर हितेंद्र गंजीर, परमानंद साहू, चुनु राम साहू, कोमल साहू, नीलांबर साहू, नारायण लाल यादव, गोविंद राम यादव, खिलेश्वर साहू, राकेश साहू, जयंत साहू, चौलेस देशमुख, आनंद शर्मा, रवि साहू, डाकेश साहू, नीरज सेन और हेमंत साहू सहित कई लोग मौजूद रहे। उन्होंने ज्ञापन सौंपकर कहा कि यदि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो गांव का माहौल बिगड़ सकता है।
ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना
गांव के कई परिवारों का मानना है कि लगातार हो रही इस सभा से युवाओं और कमजोर तबके के लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है। लोग कहते हैं कि धर्म बदलने का रास्ता दिखाकर समाज को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। यही वजह है कि धीरे-धीरे ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना पनपने लगी है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने इसे समय रहते नहीं रोका तो भविष्य में गंभीर विवाद खड़ा हो सकता है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
गांव वालों का आरोप है कि जब-जब ऐसे मामले सामने आते हैं, प्रशासन पहले तो चुप्पी साध लेता है और दबाव पड़ने पर कार्रवाई करता है। यह रवैया सवाल खड़ा करता है कि आखिर अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में देर क्यों होती है। धनोरा में चल रही प्रार्थना सभा भी कोई नया मामला नहीं है, बल्कि महीनों से चल रही है। बावजूद इसके, प्रशासन ने अभी तक पहल नहीं की। अब जब ग्रामीणों का धैर्य टूट गया तो वे सड़क से लेकर दफ्तर तक पहुंचने लगे हैं।
ज्ञापन सौंपने के बाद अब सभी की निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे शांति और सौहार्द के पक्षधर हैं, लेकिन परंपराओं और आस्थाओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए तो विरोध और तेज होगा।

