साईबर सुरक्षा व जल संरक्षण को लेकर रायगढ़ में आयोजित हुई कार्यशाला
रायगढ़ में आयोजित विशेष कार्यशाला में न्यायपालिका और प्रशासन की संयुक्त मौजूदगी

रायगढ़। साइबर सुरक्षा और जल संरक्षण जैसे अत्यंत प्रासंगिक विषयों पर गुरुवार को रायगढ़ नगर निगम ऑडिटोरियम में एक कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री प्रशांत मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
यह आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जिला एवं पुलिस प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसका उद्देश्य नागरिकों में डिजिटल सुरक्षा और जल बचत के प्रति जागरूकता फैलाना था।
न्यायाधीशों और अधिकारियों की रही उपस्थिति
कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जितेन्द्र कुमार जैन, कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल, सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव, जिला न्यायालय के सभी न्यायाधीश एवं जिला–पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यशाला के दौरान विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई और प्रतिभागियों ने सवाल–जवाब के माध्यम से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार साझा किए।
जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा – तकनीकी सतर्कता ही सच्ची सुरक्षा
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जस्टिस श्री प्रशांत मिश्रा ने कहा कि “साइबर जागरूकता और जल संरक्षण — दोनों ही ऐसे विषय हैं जो आज के दौर में हमारे जीवन से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों से बचने की पहली और सबसे प्रभावी कड़ी है जागरूकता।
टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है, इसलिए हर व्यक्ति को खुद को अपडेट रखना चाहिए और साइबर अपराधों से जुड़े नए तरीकों की जानकारी रखनी चाहिए।
साइबर ठगों की नई चालों से रहें सतर्क
जस्टिस मिश्रा ने बताया कि अब अपराधी न्यायपालिका और सरकारी अधिकारियों के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को ठगने का प्रयास करते हैं।
ऐसे मामलों में लोगों को भयभीत होने के बजाय सतर्कता और समझदारी से काम लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि समाज के हर वर्ग में डिजिटल सतर्कता बढ़ेगी, तो साइबर अपराधों पर स्वाभाविक रूप से अंकुश लगेगा।
जल संरक्षण में हर नागरिक की सहभागिता जरूरी
अपने संबोधन में जस्टिस मिश्रा ने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि यह ऐसा विषय है जिसमें हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
केवल जागरूकता ही नहीं, बल्कि व्यवहारिक उपायों को अपनाकर हम अपने आसपास बेहतर पर्यावरण निर्मित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और प्रशासन का यह संयुक्त प्रयास समाज में जिम्मेदारी की भावना जगाने वाला है।
लोगों को इस पहल से जुड़कर स्वयं और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए।
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा – एक क्लिक में खत्म हो सकती है जमा पूंजी
विशिष्ट अतिथि वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि साइबर अपराधों का दायरा जिस तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से लोगों के बीच सतर्कता का स्तर बढ़ाना जरूरी है।
आज के डिजिटल युग में यदि थोड़ी भी लापरवाही बरती जाए, तो व्यक्ति एक क्लिक में अपनी सारी जमा पूंजी गंवा सकता है।
साइबर अपराध – अब चोरी से भी बड़ा खतरा
वित्त मंत्री ने कहा कि पारंपरिक चोरी या ठगी की तुलना में अब साइबर अपराधों से कहीं ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
शासन और प्रशासन अपने स्तर पर इन अपराधों पर लगाम लगाने और अपराधियों को सजा दिलाने में जुटे हैं, लेकिन सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी नागरिकों की ही है।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों के तौर-तरीके, इनके पीछे काम करने वाले मनोभावों की समझ और इससे बचाव के उपायों को हर व्यक्ति को सीखना चाहिए।
अपने परिवार और समाज को जागरूक बनाकर ही हम इस डिजिटल खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं।
जल और पर्यावरण संरक्षण पर रायगढ़ की पहल सराहनीय
वित्त मंत्री चौधरी ने जिला प्रशासन के जल संरक्षण अभियान की सराहना करते हुए कहा कि रायगढ़ में भू-जल और पर्यावरण की रक्षा के लिए यह कार्य बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर नवा रायपुर में “पीपल फॉर पीपुल” अभियान के तहत बड़े पैमाने पर पीपल के पेड़ लगाए जा रहे हैं।
रायगढ़ जिले में भी इसी दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुआ है।
केलो बांध और नहर परियोजना – किसानों के लिए वरदान
उन्होंने बताया कि केलो बांध का पानी अब नहरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
यह पहल न केवल सिंचाई क्षमता बढ़ाएगी, बल्कि जल संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग का उदाहरण भी बनेगी।
संस्कृति में प्रकृति पूजन की परंपरा, आज भी प्रासंगिक
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति पूजन की परंपरा रही है।
इसी दृष्टिकोण को अपनाते हुए हमें जल और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एकजुट होकर काम करना होगा।
उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर फ्लाईएश और ईएसपी मैनेजमेंट जैसे पर्यावरणीय उपायों पर भी गंभीरता से कार्य किया जा रहा है, ताकि औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
जागरूक समाज ही सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र की नींव
कार्यक्रम का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि साइबर सुरक्षा और जल संरक्षण, दोनों ही आधुनिक भारत की स्थिरता के दो स्तंभ हैं।
यदि समाज तकनीकी रूप से जागरूक और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनता है, तो विकास की दिशा में हर कदम अधिक स्थायी और समावेशी होगा।