देवास के खातेगांव में मर्डर का खुलासा, साले ने गमछे से घोटा था जीजा का गला, पत्नी भी शामिल
बुधवार को तिवड़िया रोड बायपास कच्चा रास्ता खातेगांव पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। मृतक की पहचान संतोष पुत्र सुरेश बारेला निवासी ग्राम ओलम्बा हाल मुकाम ग्राम सिराल्या बुजुर्ग के रूप में हुई।
HIGHLIGHTS
- खातेगांव में पारिवारिक विवाद में की थी जीजा की हत्या
- साले की पत्नी, मृतक की पत्नी, मौसेरा भाई लिप्त थे।
- खुलासा होते ही पुलिस ने चारों को किया गिरफ्तार।
देवास/खातेगांव। खातेगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत 2 दिन पहले सड़क किनारे पड़े मिले युवक के शव के मामले में मर्ग जांच के बाद गुरुवार को हत्या केस अज्ञात आरोपित पर दर्ज करते हुए पुलिस ने शुक्रवार को हत्याकांड का खुलासा कर दिया। युवक की हत्या उसके साले ने ही गमछा से गला घोटकर की थी।
इसमें साले के मौसेरे भाई, मृतक की पत्नी और साले की पत्नी ने भी सहयोग किया था। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है। घटनास्थल का निरीक्षण कर मृतक के परिजनो को सूचित कर पीएम करवाया गया। मृतक संतोष की गर्दन पर चोट व नाखून के निशान पाये गये। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में गला घोटने से मौत होना पाया गया।
इसके आधार पर पुलिस ने गुरुवार शाम को अज्ञात आरोपित पर हत्या का केस दर्ज किया। जांच में पुलिस को पता चला कि 8 दिन पहले संतोष व उसकी पत्नी अनीता का झगड़ा हो गया था तब अनीता अपने भाई तुलसीराम के पास खातेगांव में रहने आ गई थी।
इसके बाद 1 अक्टूबर को संतोष अपने गांव के सुगन के साथ बाइक से अपनी पत्नी अनीता को लेने खातेगांव आया था। जब शाम तक संतोष घर पर नहीं आया तो उसके पिता सुरेश ने सुगन के घर जाकर उससे पूछा कि संतोष क्यो नही आया तब उसने बताया संतोष खातेगांव में ही उसके साले तुलसीराम के घर रुक गया था।
घटना के संबंध मे मृतक संतोष के साले तुलसीराम एवं मौसेरे भाई प्रकाश बारेला से पूछताछ की गई। इसमें यह तथ्य सामने आया कि अपनी पत्नी अनीता व बच्चों को लेकर जाने की बात पर से संतोष का विवाद अपने साले एवं पत्नी से हुआ।
इसी बात से क्षुब्ध होकर संतोष के साले तुलसीराम जमरे निवासी श्यामपुरा थाना सिद्धीकगंज जिला सीहोर के द्वारा गमछे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई।
उक्त कृत्य मे तुलसीराम की मदद उसके मोसेरे भाई प्रकाश निवासी श्यामपुरा थाना सिद्दीकगंज जिला सीहोर एवं तुलसीराम की पत्नी मायाबाई, संतोष की पत्नी अनीता ने की। बाद में शव को तिवड़िया के कच्चे रास्ते पर फेंक दिया गया।