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क्रशर संचालक के पूरे परिवार की मौत का जिम्मेदार साला गुड्डू बेसुराग

क्रसर संचालक नरेंद्र सिंह चौहान व उनके परिवार के लोगों की मौत का जिम्‍मेदार उनका साला गुडडू अभी तक बेसुराग है। बताया गया है कि आरोपित चौहान के घर पर आकर झगडा भी था। हालांकि उसकी लास्‍ट लोकेशन हजीरा मिली है। लेकिन उसके मैनपुरी जाने की आशंका है। पुलिस आरोपित को दबोचने के लिए दबिश दे रही है।

HIGHLIGHTS

  1. नरेंद्र सिंह चौहान, पत्नी व बेटे का इटावा के जलेसर में हुआ अंतिम संस्कार
  2. नरेंद्र सिंह चौहान के घर आकर झगड़ा था आरोपित गुड्डू
  3. 24 घंटे के बाद भी आरोपित गुड्डू बेसुराग, मैनपुरी जाने की आशंका

 ग्वालियर। क्रशर संचालक नरेंद्र सिंह चौहान व उनके परिवार की मौत का जिम्मेदार राजीव उर्फ गुड्डू का 24 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं लगा है। वह परिवार सहित गायब होकर पुलिस की पकड़ से दूर है। लास्ट लोकेशन हजीरा मिली जिसके बाद मैनपुरी जाने की आशंका है। तीनों शवों का पोस्टमार्टम डाक्टरों के पैनल ने किया। नरेंद्र के पैतृक गांव इटावा के पास जलेसर में अंतिम संस्कार किया गया।

नरेंद्र सिंह चौहान के घर आकर उनके साले राजीव उर्फ गुड्डू ने झगड़ा किया था। इसके बाद सीमा की बड़ी बहन सरिता घर आई थी। नरेंद्र और उनकी पत्नी सीमा को समझाया था, काउंसलिंग की थी। मंगलवार शाम सात बजे वह इनके घर से रवाना हुई थी। राजीव उर्फ गुड्डू की बदसलूकी का असर यह हुआ, पूरा परिवार ही खत्म हो गया। एक खास बात यह कि घर के बाहर लगे कैमरे तो चालू हैं, लेकिन रिकार्डिंग नहीं हो रही। इसे लेकर पुलिस भी उलझन में है। गुड्डू के घर आकर झगड़ा करने की पुष्टि पुलिस ने भी की है। उधर नरेंद्र ने दो दिन पहले अपने भाई सुधीर से फोन पर रोते हुए पूरी घटना बताई थी। उसने कहा था कि वह राजीव के जाल में फंस गया है। वह उसे बर्बाद कर परिवार खत्म कर देगा।

आर्थिक रूप से परेशान नहीं थे नरेंद्र सिंह

नरेंद्र आर्थिक रूप से परेशान नहीं थे। हाल ही में 96 लाख रुपये का भुगतान भी नगर निगम से हुआ था। कुछ नेताओं से नजदीकी थी,निगम में करीब पांच करोड़ रुपये का काम भी मिला था। नगर निगम के उपायुक्त दलवीर शुक्ला ने बताया कि कोई भी भुगतान नहीं रोका गया है। हाल ही में 96 लाख रुपये का भुगतान भी किया है।

बहन को दे दिए थे सारे कपड़े यानी पहले से थी तैयारी

नरेंद्र और सीमा से मिलने के लिए सरिता घर आई थी। यह लोग तनाव में चल रहे थे, इसलिए दोनों को समझाने के लिए आई थी। उसी दिन सीमा ने सारे कपड़े सरिता को यह कहकर दिए थे कि यह छोटे हो रहे हैं। इसलिए अब उसके काम के नहीं है। सरिता ने ऐसा कहने पर टोका भी था, इस पर सीमा ने बात घुमा दी थी। इससे यह भी स्पष्ट है कि पति-पत्नी के दिमाग में शाम से ही यह सब चल रहा था।

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