पड़ोसियों ने महिला के सामने उतारे कपड़े, बेटे का पैर तोड़ा, पुलिस बोली- राजीनामा करो
सट्टे को लेकर थाने के अंदर जूतम पैजार की घटना से बदनाम हुई इंदरगंज थाना पुलिस एक बार फिर कटघरे में है। मारपीट के मामले में पुलिस ने पीडित से कहा कि या तो राजीनामा करो, अगर एफआइआर कराई तो उन पर भी मामला दर्ज होगा। पटाखे चलाने को लेकर हुआ था विवाद। आरोपितों ने कपडे उतारकर किए अश्लील इशारे भी।
HIGHLIGHTS
- एक बार फिर इंदरगंज थाना पुलिस कटघरे में
- पीडि़त महिला आदिवासी समाज की है
- पुलिस कर्मियों ने उल्टे दी महिला को धमकी
ग्वालियर। सट्टे को लेकर थाने के अंदर जूतम पैजार की घटना से बदनाम हुई इंदरगंज थाना पुलिस एक बार फिर कटघरे में है। शिंदे की छावनी स्थित खल्लासीपुरा में रहने वाली आदिवासी महिला के सामने पड़ोसियों ने पटाखे चलाने से रोकने पर कपड़े उतारे। जब महिला के बेटे ने वीडियो बनाए तो पीट-पीटकर पैर तोड़ दिया। जब यह लोग इंदरगंज थाना शिकायत लेकर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उल्टा इन पर ही एफआइआर करने की धमकी दे डाली।
पुलिसकर्मियों ने कहा- या तो राजीनामा करो, अगर एफआइआर कराई तो उन पर भी मामला दर्ज होगा। रात को यह लोग थाने से लौट आए। यह मामला आइजी अरविंद सक्सैना तक भी पहुंचा है। यह घटना 9 अगस्त की है, चार दिन से यह परिवार एफआइआर के लिए थाने के चक्कर काट रहा है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।
खल्लासीपुरा की रहने वाली कंचन गौंड पत्नी राजवीर गौंड ने नईदुनिया को बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाला अविनाश जोशी, शिवम, गुड्डू पाल, रिंकू कुशवाह सहित अन्य लोग पटाखे चला रहे थे। चिंगारी उचटकर उनके बेटे शिवम पर आई। जब टोका तो यह लोग अभद्रता करने लगे।
इसके बाद कपड़े उतारकर अश्लील इशारे करने लगे। जब शिवम और सत्यम ने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू किया तो इन लोगों ने हमला कर दिया। शिवम का पैर तोड़ दिया। यह लोग इंदरगंज थाने गए। यहां सुनवाई नहीं हुई। उनके दूसरे बेटे को ही पुलिस ने थाने में बैठा लिया। रात 1.30 बजे छोड़ा। कोई कार्रवाई नहीं की गई। कंचन का कहना है- पुलिस आरोपितों का सहयोग कर रही है, उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन पर दबाव डाला जा रहा है- अगर शिकायत की तो क्रास एफआइआर होगी।
इस तरह की घटना में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए, यह सरासर लापरवाही है। एफआइआर क्यों नहीं हुई, मैं दिखवाता हूं। वरिष्ठ अधिकारी को जांच सौंपी जाएगी। दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।